ब्रिटेन की एक अदालत की ओर से भगोड़े शराब व्यापारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को भारत प्रत्यर्पित करने के फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को कहा कि वह जल्द से जल्द उसे भारत वापस लाएंगे. सीबीआई (CBI) के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम निर्णय का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि विजय माल्या (Vijay Mallya) (Vijay Mallya) को जल्द से जल्द भारत लाएंगे. सीबीआई (CBI) की अपनी अतंर्निहित ताकतें हैं. हमने इस मामले में कठोर परिश्रम किया है. सीबीआई (CBI) हमेशा से तथ्यों पर मजबूत थी और कानूनी रूप से हम प्रत्यर्पन प्रक्रिया के समय आश्वस्त थे."
वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने भी ब्रिटेन की अदालत के फैसले का स्वागत किया और इसे 'भारत के लिए महान' दिन बताया.
जेटली ने ट्वीट कर कहा, "भारत के साथ धोखा करने वाले को नहीं छोड़ा जाएगा. ब्रिटेन के न्यायालय के निर्णय स्वागतयोग्य है. संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान भगोड़े को फायदा पहुंचाया गया. राजग सरकार उसे कानून के जद में लाई."
माल्या से संबंधित याचिका पर ब्रिटेन में स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कहा कि उसे निश्चिय ही भारत प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए, जो भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोपी है.
माल्या मार्च 2016 में देश छोड़कर भाग गया था.
लंदन की अदालत ने कहा, भारत को सौंपें माल्या
लंदन की एक अदालत ने सोमवार को आदेश दिया कि बैंकों के साथ भारी धोखाधड़ी के आरोपों की सुनवाई के लिए भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या (Vijay Mallya) को ब्रिटेन से भारत को प्रत्यर्पित किया जाए. अदालत ने कहा कि यह अभियोग राजनीति से प्रेरित है, इसका कोई सबूत नहीं है. द वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की एम्मा अर्बथनॉट ने कहा, 'माल्या की पैरवी पर मीडिया का ज्यादा ध्यान होने के कारण संभावित प्रभाव की आलोचना को यह अदालत स्वीकार नहीं करती और यह भी कि इससे मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी.'
अदालत ने कहा, 'इस अदालत के पास यह पता लगाने के अपर्याप्त सबूत हैं कि उनकी सुनवाई एक सक्षम व निष्पक्ष अदालत द्वारा नहीं होगी.'
वरिष्ठ जिला न्यायाधीश अर्बथनॉट ने कहा कि वह भारत सरकार के तर्क को स्वीकार करती हैं, क्योंकि माल्या एक हाईप्रोफाइल व्यक्ति है, तो उसकी सुनवाई अच्छी जांच के साथ की जाएगी.
उन्होंने कहा, 'मैंने पाया है कि माल्या, अदालत के साथ किसी भी अत्यधिक हानिकारक प्रचार के साथ मामले को आगे बढ़ाने में सक्षम होगा..उसकी पैरवी राजनेताओं द्वारा नहीं की जाएगी. अदालतें अक्सर हाई प्रोफाइल मामलों का निपटान करती हैं, जिसमें अक्सर खराब राजनीतिक सलाह भी दी जाती है.'
न्यायाधीश ने कहा, 'मैं यह स्वीकार नहीं कर सकती कि भारत में अदालतें वह करती हैं जैसा राजनेता उनसे करने के लिए कहते हैं. जैसा कि मैं पहले कह चुकी हूं, अदालत में अच्छी तरह से जांच की जाएगी. मुझे ऐसा कोई अंतर्राष्ट्रीय सर्वसम्मति नहीं मिली है, जिसने मुझे यकीन दिलाया हो कि भारत में न्यायाधीश भ्रष्ट हैं.'
कानूनी प्रक्रिया के दुर्व्यवहार को लेकर बचाव पक्ष की दलील के संदर्भ में लंदन की न्यायाधीश ने कहा, 'कोई सबूत नहीं है कि अभियोग राजनीति से प्रेरित है..मुझे प्रक्रिया के दुरुपयोग का कोई आधार नहीं मिला है.'
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न्यायाधीश ने कहा कि वह माल्या के मामले को गृह सचिव के पास भेज रही हैं, ताकि उसका प्रत्यर्पण होगा या नहीं, इस पर फैसला किया जा सके.
Source : News Nation Bureau