केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने अपने खिलाफ आए फैसले में सुधार की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की है. अस्थाना के आवेदन पर हाई कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा. पिछले सप्ताह शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने राकेश अस्थाना के खिलाफ कथित घूस मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी. अस्थाना ने कोर्ट से सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी.
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस नजमी वजीरी की एकल पीठ ने अस्थाना को अंतरिम संरक्षण देने से इंकार कर दिया था और सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह अस्थाना के खिलाफ 10 सप्ताह में जांच पूरी करे.
जस्टिस वजीरी ने अस्थाना और निलंबित पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र कुमार की याचिका पर फैसला 20 दिसंबर को सुरक्षित कर लिया था, जिसमें दोनों ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी. अस्थाना ने कहा था कि उनके खिलाफ दर्ज मामले अवैध और दुर्भावनापूर्ण हैं.
अपदस्थ सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के वकील ने अस्थाना के खिलाफ एजेंसी की कार्रवाई को जायज ठहराया था और कहा था कि प्राथमिकी मौजूदा कानूनों के अनुरूप और उचित प्रक्रिया के तहत दर्ज की गई थी.
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सीबीआई के अनुसार, कुमार ने मांस कारोबारी मोईन कुरैशी मामले के एक गवाह, सतीश सना बाबू के बयान के साथ छेड़छाड़ की थी, जिसमें उन्होंने दिखाया था कि सना ने अपना बयान दिल्ली में 26 सितंबर, 2018 को दर्ज कराया था.
सीबीआई ने अस्थाना, कुमार और दो अन्य के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें आरोप था कि उन्होंने दिसंबर 2017 से अक्टूबर 2018 के बीच कम से कम पांच बार रिश्वत ली थी.
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1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने एक कारोबारी से 2 करोड़ रुपये लिए थे. इस कारोबारी के खिलाफ कुरैशी मामले में जांच चल रही थी. मामले की जांच अस्थाना के नेतृत्व वाला एक विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा था.
Source : News Nation Bureau