दिल्ली हाई कोर्ट सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) के कक्षा 10वीं के गणित और 12वीं के अर्थशास्त्र परीक्षा के पेपर लीक पर कोर्ट की निगरानी में जांच की याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है।
दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायाधीश सी हरि शंकर की बेंच के सामने याचिका को रखा गया जिसके बाद वे सुनवाई के लिए राजी हो गए।
दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए 10वीं की गणित की पुनर्परीक्षा में देरी पर केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और CBSE से जवाब मांगा है।
इस मामले में अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होनी है। नोटिस में हाई कोर्ट ने सीबीएसई को जल्दी परीक्षा कराने को कहा है।
कक्षा 10वीं की गणित की पुनर्परीक्षा जुलाई में कराने के बदले अप्रैल कराने को लेकर एनजीओ सोशल ज्यूरिस्ट ने याचिका दायर की थी।
इसके अलावा वकील अशोक अग्रवाल ने गणित और अर्थशास्त्र की परीक्षा में छात्रों को उदार मार्क्स देने के लिए याचिका दायर की थी।
पुलिस की जांच जारी
वहीं रविवार को 12वीं अर्थशास्त्र के पेपर लीक किए जाने के मामले में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों ने सीबीएसई अधिकारियों के साथ अपने संबंधों से इंकार किया।
दिल्ली के बवाना स्थित मदर खजानी कॉन्वेंट स्कूल के शिक्षक ऋषभ (29), रोहित (26) और प्राइवेट कोचिंग सेंटर के शिक्षक तौकीर (26) से सीबीएसई अधिकारी के एस राणा के साथ संभावित संबंधों के बारे में पूछा गया लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया।
राणा ने ही अर्थशास्त्र के पेपर को मदर खजानी कॉन्वेंट स्कूल को देने की जिम्मेदारी ली थी। जिन्हें बाद में निलंबित कर दिया गया था।
पुलिस ने जांच में कहा कि परीक्षा का समय शुरू होने से पहले तौकीर की मदद से पेपर पहुंच गया जिसके बाद ऋषभ और रोहित ने तस्वीर खींच उसे छात्रों के बीच फैलाया गया।
क्या है मामला
सीबीएसई ने 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र की परीक्षा 26 मार्च को आयोजित करवाई थी और 10वीं कक्षा के गणित की परीक्षा 28 मार्च को हुई थी जिसमें दोनों परीक्षाओं के प्रश्न पत्र परीक्षा के पहले ही सोशल मीडिया पर आ गए थे।
सीबीएसई ने दोनों कक्षाओं के पेपर लीक पर एक शिक्षक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया था। बाद में सीबीएसई ने दोनों पेपर को देश भर में फिर से आयोजित कराने का निर्णय लिया था।
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Source : News Nation Bureau