पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच तनाव जारी है. इस बीच भारत ने चीन को करारी जवाब देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. मोदी सरकार ने भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए बड़ी डील को मंजूरी दी है. भारतीय वायुसेना के बेड़े में शीघ्र में 83 तेजस विमान शामिल हो जाएंगे. लड़ाकू विमान तेजस की 48 हजार करोड़ की डील को कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की अनुमति मिल गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस ने डील को मंजूरी दी है. डील को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वायुसेना की मजबूती के लिए यह फैसला लिया गया है. रक्षा क्षेत्र में ये डील गेमचेंजर साबित होगी.
बता दें कि तेजस लड़ाकू विमान हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है. इस विमान में एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं. तेजस 42 प्रतिशत कार्बन फाइबर, 43 फीसदी एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है.
तेजस स्वदेशी चौथी पीढ़ी का टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग वाला विमान है. ये चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के समूह में सबसे छोटा और सबसे हल्ला है. पश्चिमी सीमा पर हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस को भारतीय वायुसेना की ओर से पाकिस्तान सीमा के करीब तैनात किया गया है.
तेजस की डील को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले ही HAL ने अपने नासिक और बेंगलुरु डिवीजनों में दूसरी पंक्ति की विनिर्माण सुविधाएं स्थापित की हैं. HAL एलसीए-एमके 1 ए उत्पादन को भारतीय वायुसेना को देगा. उन्होंने आगे कहा कि बुधवार को लिया गया निर्णय मौजूदा एलसीए तंत्र का विस्तार करेगा और नौकरी के नए अवसर पैदा करने में मदद करेगा.
Source : News Nation Bureau