प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने अपने शुरुआती निर्णयों में भारत के आकाशीय क्षेत्र की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए एक वायु रक्षा कमान बनाने के वास्ते 30 जून तक खाका तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं. अधिकारियों के मुताबिक जनरल रावत ने इस बात को भी रेखांकित किया कि उन सभी अनुपयोगी रस्मी गतिविधियों को कम किया जाएगा जिनमें अतिरिक्त श्रमशक्ति लगती है.
अधिकारियों ने कहा कि तीनों सेनाओं के बीच सामंजस्य और तालमेल के लिए कुछ क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं, जिनमें ऐसे स्टेशनों पर साझा ‘साजो-सामान सहयोग पूल’ स्थापित करना शामिल है, जहां दो या अधिक सेनाओं की उपस्थिति है. जनरल रावत ने बुधवार को देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) की बागडोर संभाली. यह भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के बीच समन्वय लाने की भारत की सैन्य योजना के लिए महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना गया है.
पदभार संभालने के बाद सीडीएस ने एकीकृत रक्षा स्टाफ के महत्वपूर्ण अधिकारियों के साथ बैठक की और अनेक प्रकोष्ठों के प्रमुखों को तीनों सेनाओं के बीच समयबद्ध तरीके से तालमेल और सामंजस्य बढ़ाने के लिए सिफारिशें देने को कहा. सीडीएस के रूप में जनरल रावत सभी तीनों सेनाओं के संदर्भ में रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार होंगे. वह नये गठित सैन्य मामलों के विभाग का कामकाज देखेंगे.
एक अधिकारी ने कहा, ‘सीडीएस ने निर्देश दिया है कि वायु रक्षा कमान बनाने के प्रस्ताव को 30 जून तक तैयार किया जाए.’ उन्होंने तीनों सेनाओं के बीच परस्पर सहयोग के लिए 31 दिसंबर तक विभिन्न पहलों को लागू करने की प्राथमिकताएं भी तय कीं.
Source : Bhasha