रक्षा मंत्रालय ने नीलगिरी में कुन्नूर के पास कटारी पार्क क्षेत्र में हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है. हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 11 अन्य सशस्त्र बलों के जवानों की जान चली गई थी। इसकी जांच जारी है. एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने मौसम की स्थिति और दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए दुर्घटनास्थल पर ड्रोन तैनात किए हैं.
फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर पहले से ही बरामद होने के साथ, टीम विस्तृत तकनीकी मूल्यांकन करेगी और रक्षा मंत्रालय को एक रिपोर्ट देगी. हालांकि वायु सेना के सूत्रों ने बताया कि अगर उड़ान डेटा रिकॉर्डर में पेन ड्राइव को लेकर कोई दिक्कत होती है, तो टीम रूसी रक्षा टीम की विशेषज्ञता की मदद लेगी क्योंकि कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हुए एमआई 17वी 5 हेलीकॉप्टर रूस में बनाया गया था. वायु सेना की विशेष टीम दुर्घटना के विवरण की जांच कर रही है. उन्हें पूर्ण जांच के आदेश दिए गए हैं.
बुधवार को जनरल रावत और उनकी पत्नी सहित 14 लोगों के साथ भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने सुलूर हवाई अड्डे से उड़ान भरी और कुन्नूर में उतरने से कुछ मिनट पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया. ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में निर्देशन स्टाफ, दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर में अकेले जीवित बचे है.
HIGHLIGHTS
- ड्रोन के जरिये समझा जा रहा है मौसम का मिजाज
- डेटा रिकॉर्डर से भी निकाले जा रहे हैं रिकॉर्ड
- रूसी चॉपर होने से ली जा सकती है रूस की मदद