बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद सीडीएस जनरल बिपिन रावत जिंदा थे. यहां तक कि उन्होंने अपना नाम भी बताया था. यह दावा राहत और बचाव दल में शामिल एक शख्स ने किया है, जो सबसे पहले हेलीकॉप्टर के बिखरे पड़े मलबे के पास पहुंचा था. राहत और बचाव दल में शामिल एनसी मुरली ने बताया, 'हमने 2 लोगों को जिंदा बचाया, जिनमें से एक सीडीएस बिपिन रावत थे. उन्होंने धीमी आवाज में अपना नाम बताया. उनकी मौत अस्पताल जाते वक्त रास्ते में हुई. हम उस वक्त जिंदा बचाए गए दूसरे शख्स की पहचान नहीं कर सके.
निचला हिस्सा जल गया था बुरी तरह से
बचावकर्मी के मुताबिक सीडीएस जनरल रावत के शरीर का निचला हिस्सा बुरी तरह जल गया था. मलबे से निकालने के बाद जनरल रावत को एक बेडशीट में लपेट कर एंबुलेंस में ले जाया गया. एनसी मुरली फायर सर्विस टीम के सदस्य थे, जो घटनास्थल पर सूचना मिलने के बाद ही पहुंच गए थे. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जलते हेलीकॉप्टर के मलबे को बुझाने के लिए फायर सर्विस इंजन को वहां तक ले जाने के लिए सड़क नहीं थी. स्थानीय लोग आसपास के घरों और नदियों से पानी लाकर आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे. बताते हैं कि इस कारण बचाव कार्य काफी कठिन हो गया था.
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कटेरी गांव के लोग पहुंचे थे सबसे पहले घटनास्थल
बचावकर्मी के मुताबिक दुर्घटनास्थल के पास पेड़ भी थे. बचावकर्मियों को हेलीकॉप्टर क्रैश साइट से 12 लोगों के शव मिले, जबकि 2 लोगों को जिंदा बचाया गया था. जिंदा बचे दोनों लोग बुरी तरह झुलसे हुए थे. बाद में जिंदा बचाए गए दूसरे शख्स की पहचान ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के तौर पर की गई. भारतीय वायुसेना बचाव दल को हेलीकॉप्टर के खंडित हो चुके हिस्सों के बारे में लगातार गाइड कर रही थी. घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूर पर काटेरी गांव में रहने वाली पोथम पोन्नम ने चॉपर के क्रैश होने पर एक जोरदार धमाके की आवाज सुनी थी. कटेरी के रहने वालों ने जिले के अधिकारियों को खबर दी थी, जिसके बाद उस इलाके की बिजलीकाटी गई औऱ पुलिस कर्मियों के साथ बचाव एवं राहत दल भी पहुंचा.
HIGHLIGHTS
- शरीर का निचला हिस्सा बुरी तरह से जल गया था
- बचावकर्मी को सीडीएस रावत ने बताया था अपना नाम
- अस्पताल ले जाते समय रास्ते में हुई सीडीएस की मौत