सेना के विभिन्न अंगों के बीच आपसी समन्वय को बढ़ाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद सृजित किया गया था, लेकिन यह पद पिछले साल दिसंबर से ही खाली है और इस पर नियुक्ति को लेकर कोई खास सुगबुगाहट भी नहीं है. दिसंबर 2021 में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से तत्कालीन सीडीएस जनरल विपिन रावत (Vipin Rawat) की मौत हो गई थी. वह देश के पहले सीडीएस थे और उनके निधन के बाद अब तक किसी और को इसकी जिम्मेदारी नहीं दी गई है. बीच में ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि सेना प्रमुख के पद से 30 अप्रैल को रिटायर होने के बाद जनरल एमएम नरवणे (MM Naravane) को देश का दूसरा सीडीएस नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन यह बात भी अब कोरी अफवाह साबित हुई है.
सेना के तीनों अंगों में एकजुटता लाने का था उद्देश्य
जनरल रावत दिसंबर 2019 में सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए थे और उन्होंने एक जनवरी 2020 को सीडीएस के रूप में पदभार ग्रहण किया था. सीडीएस रक्षा मंत्री को थल सेना, नौ सेना और वायु सेना से संबंधित मामलों में मुख्य सैन्य सलाहकार की भूमिका निभाते हैं. सीडीएस पद का सृजन इस विचार के साथ किया गया था कि देश की सेना सम्मिलत होकर काम करे. इसका उद्देश्य प्रशिक्षण, खरीद, भर्ती और संचालन में देश की तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता लाना था.
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जनरल रावत के प्रस्तावों को आगे बढ़ाने में हो रही देरी
सीडीएस सैन्य मामलों के विभाग के दायरे में आने वाले मामलों पर काम करते हैं. सीडीएस की अगुवाई वाली इकाई थल सेना, नौसेना और वायु सेना तथा तीनों के एकीकृत मुख्यालय से संबंधित मामलों को देखती है. इसके अलावा सैन्य मामलों का विभाग प्रचलित नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार, थल सेना, नौसेना और वायु सेना से संबंधित कार्यों और पूंजीगत अधिग्रहण को छोड़कर विशेष खरीद को देखता है. सीडीएस का पद खाली है और भारतीय सेना चाहती है कि सरकार नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाए ताकि जनरल रावत के कार्यकाल में लाए गए प्रस्तावों को आगे बढ़ाया जा सके.
HIGHLIGHTS
- दिसंबर में हेलीकॉप्टर हादसे में जनरल विपिन रावत की मौत के बाद से खाली
- जनरल एमएम नरवणे के दूसरे सीडीएस बतौर नियुक्ति की थी लंबे समय से चर्चा
- सीडीएस के न होने से जनरल रावत के प्रस्तावों को आगे बढ़ाने में हो रही देरी