CDS Bipin Rawat Helicopter Crash Presentation : रक्षा मंत्री (Defence Minister) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) को बुधवार को एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली त्रि-सेवा जांच दल द्वारा सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) की हेलीकॉप्टर दुर्घटना (Helicopter Crash) जांच पर विस्तृत प्रस्तुति दी जाएगी. जांच समिति में नौसेना (Indian Air Force) का एक शीर्ष पायलट (Pilot) शामिल है, जिसने एमआई-17 (M-17) की दुर्घटना जांच में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. दुर्घटना का पता लगाने वाली समिति ने सुझाव दिया कि पायलट सुलूर हवाईअड्डे से वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज की ओर उड़ान भरते समय एक रेलवे लाइन का अनुसरण कर रहे थे. अचानक एक घना बादल छा गया और चालक दल को एहसास हुआ कि उन्हें इससे बाहर निकलना होगा क्योंकि वे पहले से ही नीचे उड़ रहे थे. इससे बाहर निकलने की कोशिश में वे रास्ते में एक चट्टान से टकरा गए.
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चालक दल मास्टर ग्रीन था. इसलिए ऐसा लगता है कि उन्हें विश्वास था कि वे स्थिति से बच निकलेंगे क्योंकि उन्होंने ग्राउंड स्टेशनों को आपातस्थिति के बारे में कोई सूचना नहीं दी थी. पायलट स्थिति से बाहर निकलने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त लग रहे थे क्योंकि पास के तीन केंद्रों पर कोई संकट नहीं था. सूत्रों के अनुसार चूंकि पूरा दल 'मास्टर ग्रीन' श्रेणी का था, ऐसा लगता है कि उन्हें भरोसा था कि वे स्थिति से बाहर निकलने में सक्षम होंगे, क्योंकि आपात स्थिति का सुझाव देने के लिए ग्राउंड स्टेशनों पर कोई कॉल नहीं किया गया. सूत्रों ने कहा कि तीन बलों के परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर बेड़े में सर्वश्रेष्ठ पायलटों को 'मास्टर ग्रीन' श्रेणी दी जाती है. इन पायलटों को कम दृश्यता में विमान उड़ाने और उतारने में महारत हासिल होती है.
सीडीएस रावत समेत 12 सैन्यकर्मियों की हुई थी मौत
सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी, रक्षा सहायक, सुरक्षा कमांडो और एक आईएएफ पायलट 8 दिसंबर को तमिलनाडु में कोयंबटूर और सुलूर के बीच दुर्घटनाग्रस्त होने पर एमआई-सीरीज हेलीकॉप्टर में सवार थे. भारतीय वायु सेना में एमआई-17 वी 5 एक आधुनिक परिवहन हेलीकॉप्टर है जिसका उपयोग किया जाता है. इस हादसे में जनरल रावत की पत्नी और 12 अन्य सैन्यकर्मियों की भी मृत्यु हो गई थी.
HIGHLIGHTS
- यर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली त्रि-सेवा जांच दल प्रस्तुति देगी
- अचानक एक घना बादल छाने की वजह से पायलट को चला नहीं कुछ पता
- उड़ान भरते समय एक रेलवे लाइन का अनुसरण कर रहे थे पायलट