यस बैंक (Yes Bank) के खाताधारकों को अपना पैसा डूबने का डर सता रहा है. यस बैंक संकट के बाद लोगों के बीच फैल रही विभिन्न भ्रांतियों को मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के सुब्रमण्यम ने दूर किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय बैंक रिस्क झेलने के काफी मजबूत है. उन्होंने समझाया कि वैश्विक तौर पर बैंकों का कैपिटल टू रिस्क असेट रेशियो (CRAR) 8 फीसदी के करीब होता है, जबकि भारत में बैंकों के लिए CRAR 14.3 पर्सेंट के करीब है. मतलब हमारे बैंकों की रिस्क कैपिसिटी वैश्विक पैमानों के हिसाब से 80 प्रतिशत ज्यादा है.
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा कि भारतीय बैंकों का पूंजी आधार मजबूत है और इसलिए चिंतित होने की कोई बात नहीं. किसी बैंक की सेहत का हिसाब उसके बाजार पूंजीकरण और जमा के अनुपात के आधार पर लगाना गलत एक दोषपूर्ण विश्लेषण है.
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रिस्क इंश्योरेंस को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया
उन्होंने कहा कि बात अगर डिपॉजिटर्स के हित की करें तो इस बजट में रिस्क इंश्योरेंस को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है. ऐसे में डिपॉजिटर्स को घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. इंडियन बैंकिंग सेक्टर बिल्कुल सुरक्षित हैं और डिपॉजिटर्स का एक-एक रुपया भी.
रिजर्व बैंक सभी बैंकों की निगरानी करता है, घबराने की जरूरत नहीं
वहीं आरबीआई (RBI) ने भी यस बैंक के खाताधारकों को चिंता नहीं करने की सलाह दी है. रिजर्व बैंक ने कहा, ‘रिजर्व बैंक सभी बैंकों की निगरानी करता है और इसलिए सभी खाताधारकों को आश्वस्त करता है कि उनके किसी भी बैंक में जमा धन की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है.'
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बता दें कि आरबीआई ने यस बैंक के अकाउंट होल्डर्स के लिए 3 मई तक 50 हजार रुपए तक निकासी सीमा तय की है. इमरजेंसी में वो पांच लाख रुपए निकाल सकते हैं. रविवार को ग्राहकों को एक और राहत दी गई. अब यस बैंक के ग्राहक किसी भी एटीएम से पैसा निकाल सकेंगे.