मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने बुधवार को मतदाता जागरूकता को लेकर पुणे से राष्ट्रव्यापी विशेष सारांश संशोधन (एसएसआर) 2023 का शुभारंभ किया. पुणे में उच्च शहरी उदासीनता और कम युवा मतदाताओं की भागीदारी को देखते हुए, चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए बड़े पैमाने पर युवाओं और समाज को प्रेरित करने और जुटाने के लिए शहर में मतदाता जागरूकता साइकिल रैली निकाली. अधिकारियों ने बताया कि देश भर के सभी राज्यों में इस तरह की जागरूकता गतिविधियों का आयोजन संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा व्यापक स्तर पर किया जा रहा है ताकि विशेष सारांश संशोधन अभ्यास के दौरान जागरूकता पैदा की जा सके और सभी हितधारकों की भागीदारी बढ़ाई जा सके.
सीईसी राजीव कुमार ने शहरी क्षेत्रों के मतदाताओं से चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने, पंजीकरण कराने और मतदान करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों से मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने की गुंजाइश है. यही पुणे शहर से एसएसआर 2023 के राष्ट्रीय लॉन्च का एक कारण है.
सीईसी ने कहा- सारांश संशोधन हर साल होता है, चुनाव आयोग इस साल बहुत अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि मतदाता-मतदान को बढ़ाया जा सके और इसे पुणे से शुरू किया गया है. उन्होंने आगे कहा, कुछ शहर वास्तव में मतदान करने में पिछड़े हुए हैं, ऐसे बहुत सारी जगह हैं जिसे हमें कवर करना है इसलिए जागरूकता पैदा करने के लिए साइकिल रैली का आयोजन किया गया.
सीईसी ने समझाया- देश में हर जगह, हर संभव दूर-दराज के राज्य, चाहे वह पहाड़ियां हों, तटीय रेखाएं, दुर्गम इलाके, रेगिस्तान, हर जगह, हर एक नागरिक मतदाता के रूप में सूचीबद्ध है और न केवल पंजीकृत होकर लोकतंत्र को मजबूत करता है, बल्कि अपना वोट भी डालता है. उन्होंने बताया कि भारत में 2.49 लाख से अधिक मतदाता हैं जो 100+ए आयु वर्ग के हैं. उन्होंने कहा, जब आप उनके साथ बातचीत करते हैं तो पाते हैं कि वह जीवन भर मतदान करते रहे हैं, इससे कितनी राहत और आनंद मिलता है.
देश के पहले मतदाता स्वर्गीय श्री श्याम सरन नेगी, जो 106 वर्ष के थे और हाल ही में निधन हो गया, उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, सीईसी ने कहा, उन्होंने अपनी मृत्यु से तीन दिन पहले डाक मतपत्र के माध्यम से अपना वोट डाला था, यह भावना है. पुणे में जागरूकता अभियान की शुरूआत सीईसी और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्रा ने एक साइकिल रैली में भाग लेने के साथ की, जिसका विषय था भागीदार चुनावों के लिए पेडल. रैली को समाज के विभिन्न वर्गों के मतदाताओं ने झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसमें ट्रांसजेंडर, विकलांग व्यक्ति, महिलाएं, युवा और अन्य शामिल थे.
Source : IANS