केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कारगिल विजय दिवस को लेकर किये गए कार्यक्रम पर ख़ुशी ज़ाहिर की है। बता दें कि रविवार को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें बड़ी संख्या में छात्रों ने हिस्सा लिया और भारत माता की जय और वंदे मातरम का उद्घोष करते हुए तिरंगा यात्रा निकाली।
धर्मेंद्र प्रधान ने इस आयोजन को लेकर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, 'ये भारत के सभी नागरिकों के लिए गर्व का दिन था।'
कार्यक्रम में आए सभी छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा, 'जेएनयू ने भारतीय सैनिकों का सम्मान कर पूरे देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। मैं जेएनयू के कुलपति (वीसी) को इस कार्यक्रम के आयोजन पर ढेर सारी बधाई देता हूं। ये कार्यक्रम ऐतिहासिक था और सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय भी है।'
वीसी जगदेश कुमार ने कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों को याद करते हुए कहा कि मैं संतुष्ट हूं कि जेएनयू के छात्र आज उनको श्रद्धांजलि दे पा रहे हैं।
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इसके साथ ही वीसी ने केंद्रीय मंत्री से पुराना आर्मी टैंक देने की भी मांग की है। जिससे कि जेएनयू कैंपस में एक निश्चित जगह पर आर्मी टैंक को प्रदर्शनी के लिए रखकर सभी छात्रों को दिखाया जा सके।
वहीं पूर्व थल सेनाध्यक्ष और वर्तमान में केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने अपने पुराने अनुभव छात्रों के साथ साझा किया।
एबीवीपी छात्र नेता सौरभ शर्मा ने कहा कि जेएनयू में कारगिल शहीदों के सम्मान में इस कार्यक्रम का आयोजन बताता है कि यहां का महौल बदल रहा है और हन इसे बदलने के प्रयास में लगे हुए हैं| अब यहां अफजल गुरु के लिए जश्न नहीं मनाया जाता।
बता दें कि 26 जुलाई को देशभर में कारगिल विजय दिवस के रुप में मनाया जाता है। 18 साल पहले 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों को भारतीय जमीन से बाहर किया था। भारतीय सैनिकों के सम्मान में हर साल इसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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Source : News Nation Bureau