प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां कहा कि ऐतिहासिक सेलुलर जेल, जहां हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने यातनाएं सहीं, वह उनके लिए किसी पूजनीय स्थल से कम नहीं है. उन्होंने यहां 150 फुट ऊंचा तिरंगा फहराया. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा भारतीय भूमि पर तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने तीन द्वीपों के नाम दोबारा रखे जाने की भी घोषणा की.
उन्होंने कहा, "रोस द्वीप को अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप, नील द्वीप को अब शहीद द्वीप और हेवलोक द्वीप को अब स्वराज द्वीप कहा जाएगा."उन्होंने यहां सेलुलर जेल का दौरा किया और बोस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होंने इसके साथ ही स्मारक डाक टिकट व सिक्के और फर्स्ट डे कवर को जारी किया.
उन्होंने इसके साथ ही यहां ऊर्जा, कनेक्टिविटी व स्वास्थ्य क्षेत्रों से जुड़ी कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार न केवल भारतीयों के लिए प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि भारतीयों के लिए एक तीर्थस्थल की तरह भी है.
उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सामूहिक संकल्प की याद दिलाते हैं. नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी के कहने पर अंडमान के कई युवकों ने खुद को भारत की आजादी के लिए झोंक दिया था.
उन्होंने कहा कि 150 फुट की ऊंचाई पर तिरंगा 1943 के इस दिन की यादों को संरक्षित करने का प्रयास है, जब नेताजी ने यहां झंडा फहराया था.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश के इतिहास के सभी गौरवमयी अध्यायों को रेखांकित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है. उन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर से संबंधित पंचतीर्थ, राष्ट्रीय पुलिस स्मारक, स्टैच्यु ऑफ यूनिटी का जिक्र किया.
मोदी ने कहा कि नेताजी और सरदार पटेल के नाम पर पुरस्कारों की भी घोषणा की गई है. मोदी ने कहा कि अंडमान निकोबार द्वीप को आत्मनिर्भर बनाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं.
Source : IANS