सेंसर बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने फिल्म 'शून्यता' के छह सीन्स हटाने के लिए कहा है। सीबीएफसी(CBFC) के अध्यक्ष ने इस मामले पर फैसला लिया है। यह फिल्म नोटबंदी का आम आदमी पर पड़े असर के बारे में बनी है।
इस फिल्म के निर्देशक शुवेंदु घोष ने सेंसर बोर्ड की बात मानकर सीन्स हटा दिए है। फिल्म को रिलीज करने की इजाजत दे दी गई है।
सेंसर बोर्ड ने जिन सीन्स पर कैंची चलाने का सुझाव दिया है उनमें अहम चरित्रों की नोटबंदी के प्रभावों पर 'अंतिम संस्कार', 'बड़ी मछलियों' जैसी टिप्पणियां और एक मां-बेटी के बीच की कुछ टिप्पणियां शामिल हैं।
सेंसर बोर्ड ने इन दृश्यों को हटाने या बीप के साथ इन दृश्यों को म्यूट रखने के लिए कहा है। फिल्म निर्देशक शुवेंदु घोष ने बताया कि केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने उनकी फिल्म में छह सीन्स काटने की सिफारिश की।
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शुवेंदु ने इस बात का पालन करने की बात कही। सेंसर बोर्ड के सुझावों को मानने के बाद उन्हें फिल्म को U/A सर्टिफिकेट मिलने की उम्मीद है।
फिल्म निर्माताओं ने कहा था कि अब पोस्टर का डिजाइन, पोस्ट प्रोडक्शन का काम नये तरीके से किया जाएगा और उसके अनुसार फिल्म रिलीज की जा सकती है।'
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Source : News Nation Bureau