केंद्र ने विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) में एक रसायन फैक्टरी से गैस रिसाव होने के बाद वहां और नुकसान रोकने के लिये बृहस्पतिवार को गुजरात से ‘‘एक विशेष रसायन’’ हवाई मार्ग से भेजने की इजाजत दे दी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. एल जी पॉलीमर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने केंद्र सरकार से 500 किग्रा पीटीबीसी रसायन दमन हवाईअड्डा से विशाखापत्तनम ले जाये जाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद यह कदम उठाया गया. यह (पीटीबीसी) रसायन स्टाइरीन गैस रिसाव के चलते और अधिक नुकसान होने को रोकने में उपयोगी साबित होगा. एक अधिकारी ने कहा कि इस रसायन की खेप गुजरात के वापी से मंगाई गई है.
अधिकारी ने बताया कि अनुरोध प्राप्त होने के बाद, यह मुद्दा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास ले जाया गया, जिन्होंने फौरन ही अधिकारियों को यह रसायन हवाई मार्ग से पहुंचाने का निर्देश दिया. समझा जाता है कि यह रसायन विशाखापत्तनम के लिये भेज दिया गया है. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह रसायन ‘स्टाइरीन एकलक’ को नियंत्रित करने में मदद करेगा और यह इसके चलते और अधिक नुकसान को फौरन रोकने में सहायता करेगा.
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केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ समन्वय कर स्थिति का जायजा लिया. केंद्र सरकार स्थिति की निगरानी कर रही है और सभी जरूरी सहायता मुहैया कर रही है. बृहस्पतिवार तड़के एलजी पॉलीमर फैक्ट्री से स्टाइरीन गैस के रिसाव का असर आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे में हुआ है. केंद्र सरकार के मुताबिक, इस हादसे में 11 लोगों की मौत हुई है, जबकि 1000 अन्य प्रभावित हुए हैं.
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इस बीच, गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव अश्वनी कुमार ने बताया कि विशाखापत्तनम में फैक्ट्री से रिसने वाली गैसों के प्रभाव को बेअसर करने के लिए फिल्हाल पीटीबीसी (पारा-टरशिअरी ब्युटाइल कैटेकोल) का इस्तेमाल किया जा रहा है. कुमार ने कहा, ‘‘हवा में रिसी गैस के प्रभाव को बेअसर करने के लिए जिस रसायन का प्रयोग हो रहा है उसका उत्पादन सिर्फ वापी में होता है. आंध्रप्रदेश सरकार ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से अनुरोध किया कि वह जितनी जल्दी संभव हो सके वापी से हवाई मार्ग से यह रसायन मौके पर भेजने का प्रबंध करें.’’