एक तरफ जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को बुलंद किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ महिलाओं की सुरक्षा की बात करें तो इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
उन्नाव और कठुआ गैंगरेप की घटना सामने आने के बाद सरकार पर कई सवाल उठने शुरू हो चुके है। इसी बीच केंद्र सरकार ने कानून और सख्त बनाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है।
12 साल की उम्र के बच्चों से रेप करने पर सरकार मौत का प्रावधान जारी करने जा रही है। केंद्र ने आज सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पोक्सो एक्ट में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमे 0-12 साल की उम्र के बच्चों से बलात्कार करने पर दोषियों को अधिकतम दंड के तौर पर मौत की सज़ा दी जा सके।
इस मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी।
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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार के बाद हरियाणा में भी 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ बलात्कार पर कठोर सज़ा के फैसले पर मुहर लगा दी गई है। हरियाणा विधानसभा ने ऐतिहासिक बिल पास किया जिसमें दंड विधि संशोधन विधेयक 2018 को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है।
12 साल की कम उम्र के बच्चों के साथ बलात्कार करने पर दोषी को मृत्युदंड की सजा होगी। बता दें कि राजस्थान में अभी 16 साल से कम उम्र की नाबालिग के साथ बलात्कार करने पर आजीवन कारावास और जुर्माना का प्रावधान है।
वहीं सामूहिक बलात्कार पर 20 साल की सजा या आजीवन कारावास और जुर्माना दोनों मौजूद है।
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Source : News Nation Bureau