उत्तर प्रदेश सरकार के यूपी जनसंख्या विधेयक 2021 के ड्राफ्ट पर चर्चा के बीच अब केंद्र सरकार भी इस पर कानून लाने की तैयारी में है. जनसंख्या नियंत्रण कानून पर अब भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व भी सोच विचार कर धीरे-धीरे कदम आगे बढ़ा रहा है. देश भर में इसके पक्ष में माहौल बनाने के लिए भाजपा शासित राज्यों को आगे आ कर नीति बनाने के लिए कहा गया है. उत्तर प्रदेश सरकार का जनसंख्या नियंत्रण नीति इसी की एक कड़ी है. इसके अलावे संसद के मानसून सत्र में प्राइवेट मेंबर बिल पेश कर कानून बनाने की तरफ बढ़ा जा रहा है.
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सुब्रमण्यम स्वामी, हरनाथ सिंह यादव और अनिल अग्रवाल ने राज्यसभा में बिल पेश किया है. उम्मीद की जा रही है कि मानसून सत्र में इस बिल पर चर्चा की जा सकती है. इसके लिए छह अगस्त का दिन तय किया गया है और इस पर वोटिंग भी कराई जा सकती है. बताया जा रहा है कि इसी सत्र में लोकसभा के आधा दर्जन सांसद भी इसी मुद्दे पर प्राइवेट मेंबर बिल ला सकते हैं. दरअसल भारतीय जनता पार्टी की योजना अपने राज्यसभा सांसदों के जरिये इस बिल को प्राइवेट मेंबर बिल की तरह राज्यसभा में पेश करके चर्चा कराने की है. आरएसएस विचारक और बीजेपी के राजयसभा सांसद राकेश सिन्हा पहले ही जनसंख्या नियंत्रण को लेकर प्राईवेट मेम्बर बिल 'जनसंख्या विनियमन विधेयक, 2019' पेश कर चुके हैं.
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बता दें कि केंद्र सरकार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार का उत्तर प्रदेश सरकार की जनसंख्या नियंत्रण नीति के समर्थन में दिये बयान को अपने पक्ष में देख रही है. माना जा रहा है कि जनसंख्या नियंत्रण पर कानून केंद्र सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर है. वैसे तो यह प्राइवेट मेंबर बिल है लेकिन सरकार की योजना इस विधयेक को राज्यसभा से पारित कराने की है और इसके लिए विपक्षी दलों से भी समर्थन जुटाने की कवायद चल रही है.
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बताते चलें कि जनसंख्या नियंत्रन बिल का ड्राफ्ट सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने तैयार किया है. अश्विनी उपाध्याय जनसंख्या नियंत्रन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर चिट्ठी भी लिखी थी. उपाध्याय ने लिखा है कि जनसंख्या विस्फोट केवल उत्तर प्रदेश और असम की समस्या नहीं है बल्कि सबसे बड़ी राष्ट्रीय समस्या है. इसलिए समाधान भी राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- केंद्र सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर कानून
- अश्विनी उपाध्याय ने तैयार किया ड्राफ्ट
- तीन सांसदों ने पेश किया बिल