केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 15वें वित्त आयोग के गठन को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिसकी सिफारिशें एक अप्रैल, 2020 को प्रस्तुत की जाएंगी। इसके साथ अगले आयोग के नियम एवं शर्तो को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यहां यह बात कही।
संविधान के अनुच्छेद 280 (1) के अंतर्गत यह प्रावधान है कि प्रत्येक पांच वर्ष की समाप्ति पर या पहले एक वित्त आयोग का गठन किया जाएगा। परम्परा यह है कि पिछले वित्त आयोग के गठन की तारीख के पांच वर्षों के भीतर अगले वित्त आयोग का गठन हो जाता है।
जेटली ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'सामान्य वित्त आयोग को अपना काम पूरा करने में दो वर्षो का समय लगता है और 15वां वित्त आयोग अपनी सिफारिशें एक अप्रैल, 2020 तक दे देगा।'
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उन्होंने कहा, 'मंत्रिमंडल की बैठक में आज इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है और इसके (15वें वित्त आयोग) सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी।'
उन्होंने कहा, 'नया वित्त आयोग जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के राजस्व पर प्रभाव का आकलन करेगा। जीएसटी के बाद केंद्र और राज्यों के लिए अप्रत्यक्ष कर शासन का पैटर्न बदल गया है।'
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Source : IANS