केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ एक और बड़ा कदम उठाया है... मोदी सरकार ने UAPA के तहत जम्मू-कश्मीर में संचालित राजनीतिक दल मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर- मसरत आलम गुट (MLJK-MA) को अवैध घोषित कर दिया है. इसकी जानकारी खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए शेयर की है. गौरतलब है कि केंद्र द्वारा अवैध घोषित की गई इस पार्टी पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, साथ ही साथ देश की अखंडता और सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले आतंकी समूहों का समर्थन करने का आरोप है...
गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह ने इस बारे में जानकारी देते हुए लिखा कि, पीएम मोदी की नेतृत्व वाली सरकार का स्पष्ट संदेश है कि, हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. इसी के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में संचालित राजनीतिक दल मुस्लिम लीग ऑफ जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)'/एमएलजेके-एमए को UAPA के तहत केंद्र ने 'अवैध संघ' करार दिया है.
गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा कि, MLJK-MA पार्टी और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं, साथ ही इनपर लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाने का भी आरोप लगाया है. देखिए गृह मंत्री अमित शाह का एक्स पोस्ट...
कौन हैं मसरत आलम?
दरअसल मसरत आलम भट्ट, बीते 2021 से कश्मीरी कट्टरपंथी अलगाववादी समूह ऑल पार्टीज़ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) का अध्यक्ष हैं, जो करीब पांच सालों से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 50 साल के मसरत आलम पर आतंकी फंडिंग मामले में केस दर्ज किया है.
गौरतलब है कि, आलम के खिलाफ 27 FIR और 36 बार PSA के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं साल कश्मीर घाटी में साल 2010 में हुए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों के लिए भी उसे जिम्मेदार ठहराया जाता है.
Source : News Nation Bureau