व्हाट्सएप्प की प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई नहीं हो सकी. इसी बीच केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि व्हाट्सएप, जो कि कोविड महामारी के दौरान एक आवश्यक डिजिटल सेवा बन गया था, अब अपनी नई पॉलिसी यूजर्स पर थोप रहा है और स्वीकार करवाने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहा है. केंद्र ने अदालत में कहा कि व्हाट्सएप बड़ी होशियारी से डेटा प्रोटेक्शन बिल के कानून बनने से पहले ही अपनी अपडेट 2021 गोपनीयता पॉलिसी को यूजर्स से स्वीकार करवाने की कोशिश कर रहा है. इसने कहा कि यह अपनी नई पॉलिसी यूजर्स पर थोप रहा है और इसे स्वीकार करवाने के लिए अलग-अलग ट्रिक अपना रहा है.
केंद्र ने हाईकोर्ट से कहा कि व्हाट्सएप अपनी क्षमता का गलत इस्तेमाल कर रहा है. पॉलिसी के लिए यूजर्स पर दबाव बनाया जा रहा है. व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के मामले में गुरुवार को केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा पेश करते हुए अपनी बात रखी. हलफनामे में पुश नोटिफिकेशन के स्क्रीनशॉट का हवाला देते हुए कहा गया है कि यह प्रस्तुत किया गया है कि लाखों व्हाट्सएप मौजूदा यूजर्स, जिन्होंने अपडेटिड 2021 गोपनीयता नीति को स्वीकार नहीं किया है, उन पर हर रोज सूचनाओं की बौछार की जा रही है और पुशिंग नोटिफिकेशन के जरिए वह बड़ी होशियारी से डेटा प्रोटेक्शन बिल के कानून बनने से पहले ही पॉलिसी को यूजर्स से स्वीकार करवाने की कोशिश कर रहा है.
केंद्र सरकार ने इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का एक गेम प्लान करार दिया है और कहा है कि कंपनी अपनी नई पॉलिसी को स्वीकार कराने के लिए यूजर्स को मजबूर करने पर तुली हुई है. हाईकोर्ट में केंद्र ने कहा कि प्रतिवादी नंबर 1 (व्हाट्सएप) ने अपने डिजिटल कौशल को बिना सोचे-समझे यूजर्स के लिए खोल दिया है और उन्हें अपडेटिड 2021 गोपनीयता नीति को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जा रहा है और उनका गेम प्लान बहुत स्पष्ट है. यानी पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (पीडीपी) बिल के कानून बनने से पहले अपडेटिड 2021 प्राइवेसी पॉलिसी के लिए प्रतिबद्ध पूरे मौजूदा यूजर्स को ट्रांसफर करने की कोशिश की जा रही है.
केंद्र ने कहा कि व्हाट्सएप के पास वर्तमान में करोड़ों भारतीय यूजर्स के व्यक्तिगत, संवेदनशील व्यक्तिगत और व्यावसायिक डेटा तक पहुंच है और इसने एक भूमिका भी हासिल कर ली है जो कोविड-19 महामारी के दौरान एक आवश्यक डिजिटल सेवा बनकर उभरी है. हलफनामे में जोर देकर कहा गया है कि इसलिए यह जरूरी है कि व्हाट्सएप गोपनीयता नीति की जांच गोपनीयता सिद्धांतों की कसौटी पर की जाए, जैसे कि के. एस. पुट्टस्वामी फैसले में किया गया था.
बता दें कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर केंद्र सरकार आपत्ति जता रही है. इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने दरअसल के सीईओ विल कैथकार्ट को एक पत्र लिखकर कहा था कि वैश्विक स्तर पर भारत में व्हाट्सएप का सबसे ज्यादा यूजर बेस और सबसे बड़ा बाजार है. व्हाट्सएप की सेवा शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी में प्रस्तावित बदलाव से भारतीय नागरिकों की पसंद और स्वायत्तता को लेकर गंभीर चिंता पैदा हुई है. मंत्रालय ने कंपनी से पॉलिसी में किए गए बदलावों को वापस लेने के लिए कहा था.
HIGHLIGHTS
- केंद्र सकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में दायर किया हलफनामा
- यूजर्स पर नई प्राइवेसी पॉलिसी थोप रहा व्हाट्सएप
- स्वीकार करवाने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहा है