NEET Paper Leak: देशभर में नीट और नेट पेपर लीक के मुद्दे को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है. हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं और प्रदर्शन किए जा रहे हैं. कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं और कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं. इस बीच, मोदी सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए एक नया कानून लागू किया है लेकिन सवाल ये है कि क्या ये नया कानून उन चिटबाजों पर लागू होगा जिन्होंने इन घटनाओं को अंजाम दिया?
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नया एंटी पेपर लीक कानून
नीट और यूजीसी नेट परीक्षाओं के विवाद के बीच मोदी सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए शुक्रवार को बड़ा कदम उठाया. सरकार ने देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया. आधी रात को इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया और इसे 21 जून से तत्काल प्रभाव से लागू किया गया. इस कानून में 10 साल तक की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
क्या नीट के चिटबाजों पर लगेगा नया कानून?
आपको बता दें कि इस कानून में अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह कानून NEET और NET परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों पर लागू होगा? इसका उत्तर है नहीं. ये कानून नीट और यूजीसी नेट परीक्षा के चिटबाजों पर इसलिए लागू नहीं होगा क्योंकि यह घटना 21 जून से पहले हुई थी. यानी 21 जून से पहले की घटनाओं पर यह कानून पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं होगा. 21 जून या इसके बाद से अगर किसी भी परीक्षा में कोई गड़बड़ी होती है, तो इस नए कानून के तहत दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
नीट और नेट परीक्षा में धांधली, कैसे बढ़ा विवाद?
नीट यूजी की परीक्षा 5 मई को हुई थी जिसमें करीब 24-25 लाख छात्र शामिल हुए थे. 4 जून को इसका परिणाम घोषित किया गया था. इसी दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे भी घोषित हुए थे. परिणाम जारी होने के बाद से ही इस पर सवाल उठने लगे थे. एक साथ 67 छात्रों ने टॉप किया और उन्हें 720 में से 720 नंबर मिले थे. इसके बाद यह मामला और गरमा गया.
इसके बाद पता चला कि 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. फिर परीक्षा का पेपर लीक होने का भी खुलासा हुआ. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और ग्रेस मार्क्स वाले 1563 छात्रों के स्कोर कार्ड रद्द कर दिए गए. सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गईं जिन पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी. इस बीच, यूजीसी नेट की परीक्षा 18 जून को रद्द कर दी गई. इसमें 9 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए थे.
एंटी-पेपर लीक कानून का उद्देश्य
इसके साथ ही आपको बता दें कि अब मोदी सरकार ने पेपर लीक को रोकने के लिए देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया. इसका उद्देश्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी की जांच करना है. लोक परीक्षा कानून 2024 का मकसद सभी सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता लाना और प्रतियोगी छात्रों को गड़बड़ी से बचाना है. इस कानून के तहत पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है. इसे 10 लाख रुपये जुर्माना और 5 साल की जेल तक बढ़ाया जा सकता है.
कानून के दायरे में कौन-कौन सी परीक्षा?
वहीं इस कानून के दायरे में UPSC, SSC, RRB (रेलवे भर्ती बोर्ड), IBPS बैंकिंग से जुड़े एग्जाम, NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) और केंद्र के सभी मंत्रालयों, विभागों की भर्ती परीक्षाएं भी शामिल होंगी. इसके तहत सभी अपराध गैर-जमानती होंगे.
गिरफ्तारियां और आरोप
इसके अलावा आपको बता दें कि पेपर लीक मामले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बिहार और गुजरात से कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने हर परीक्षार्थी से 30-32 लाख रुपये लिए. बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने सॉल्वर गैंग से जुड़े कई लोगों को अरेस्ट किया है. इसमें नीतीश कुमार, अमित आनंद, सिकंदर यादवेंदु, चिंटू उर्फ बलदेव, पिंटू, राकेश रंजन उर्फ रॉकी, नीतीश यादव, नीतीश पटेल, संजीव मुखिया, अतुल वत्स, रवि अत्री जैसे लोग शामिल हैं.
HIGHLIGHTS
- केंद्र सरकार ने NEET पेपर लीक रोकने के लिए लागू किया नया कानून
- पेपर लीक पर 10 साल की कैद, एक करोड़ तक जुर्माना
- जल्द जानें नकलची छात्रों पर क्या होगा एक्शन
Source : News Nation Bureau