जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोजी के नेतृत्व में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार की तरफ से एक अहम एडवायजरी जारी की गई है. इस एडवायरी में सभी राज्यों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. ऐसे में अब सब की निगाहें कैबिनेट कमेटी की बैठक पर टिकीं हुई हैं. माना जा रहा है कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर को लेकर अहम फैसले लिए जा सकते हैं.
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इस बैठक में पीएम के अलावा अमित शाह, एनएसए अजित डोवाल, राजनाथ सिंह जैसे नेता भी मौजूद थे. कश्मीर पर क्या फैसला होने वाला है, इस पर लोगों में ऊहापोह कायम है. सभी के मन में सवाल है कि आखिर क्या होने वाला है. इस बीच कांग्रेस की ओर से तीन सांसदों ने लोकसभा में कश्मीर को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. घाटी में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है, जबकि कुछ बड़े नेताओं को नजरबंद करने की भी खबरे हैं. इसके अलावा भी जम्मू-कश्मीर को लेकर रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक काफी कुछ बदला है. जैसे श्रीनगर और जम्मू में धारा 144 लागू कर दी गई है. लोगों से बाहर न निकलने की अपील की गई है.
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मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है. साथ ही लैंडलाइन सर्विस भी रोक दी गई है. सुरक्षाबलों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं, ताकि विपरीत हालात को काबू किया जा सके. पहले कश्मीर में ही हजारों की संख्या में अतिरिक्त सुरक्षाबल पहले से ही तैनात किए जा चुके थे. अब जम्मू में ही CRPF की 40 कंपनियों को तैनात किया गया है. लद्दाख को छोड़कर जम्मू-कश्मीर के सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. कश्मीर विवि की परीक्षाओं को अगले आदेश तक के लिए टाल दिया गया है.
घाटी से पिछले 24 घंटे में 6000 से अधिक पर्यटक निकल गए हैं. देर रात को पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला के अलावा सज्जाद लोन को नजरबंद कर दिया गया.