कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए दिल्ली सरकार की लापरवाही है. केंद्र ने कहा कि फेस्टिव सीजन में, सर्दी के मौसम में कोरोना केस की संख्या बढ़ सकती है, दिल्ली सरकार ने इसको रोकने के लिए समय पर प्रभावी कदम नहीं उठाए.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दिल्ली सरकार ने आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाने या टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं. जो लोग होम आइसोलेशन में थे, उनकी दिल्ली सरकार ने सही तरीके से पहचान नहीं की, निजी अस्पतालों ने भी डिस्चार्ज पॉलिसी का उल्लंघन किया. केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली सरकार की इन्ही कमियों के चलते गृह मंत्री को दखल देना पड़ा.
राजकोट मामले में लिया स्वतः संज्ञान
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के राजकोट के प्राइवेट अस्पताल के ICU वार्ड में लगी आग पर स्वत: संज्ञान लिया. राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. ये कोई पहली घटना नहीं है. अस्पताल में आग से बचाव के साधन क्यों नहीं थे. सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि चीफ सेकेट्री मीटिंग लेंगे. मामले की तह तक जाने के लिए जरूरी कदम उठाए जायेंगे. केंद्र खुद सुनिश्चित करेगा कि ऐसी घटनायें ना हो. कोर्ट को रिपोर्ट सौपेंगे. कोर्ट के केन्द्र सरकार को भी ताजा एसओपी पेश करने को कहा है. गुजरात सरकार भी राजकोट हॉस्पिटल में लगी आग को लेकर रिपोर्ट जमा करायेगी. मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.
कोर्ट ने दिखाई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट के कोरोना केस की बढ़ती संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि महज दिशानिर्देश तय करने से काम नहीं चलेगा, उन पर अमल सुनिश्चित किया जाना जरूरी है. केंद्र इस मामले में लीड ले. ये सुनिश्चित करे कि राज्य सरकार एसओपी का पालन करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम शादी समारोह और राजनीतिक जलसों को देख रहे हैं. 60 प्रतिशत लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं. ये कोरोना की सेकंड वेव हैं. आगे हालात और बदतर होंगे. राज्यों को गम्भीरता से कोविड गाइडलाइंस का पालन कराना सुनिश्चित करना होगा.
Source : News Nation Bureau