Advertisment

पीएमके का आरोप राजमार्गों के जरिये हिंदी थोप रही केंद्र सरकार

पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक एस.रामदॉस ने कहा है कि तमिलनाडु में केंद्र सरकार हिंदी को थोपने का काम बंद करे।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
पीएमके का आरोप राजमार्गों के जरिये हिंदी थोप रही केंद्र सरकार
Advertisment

दक्षिण भारत में हिंदी को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा होने की संभावना दिख रही है। पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक एस.रामदॉस ने कहा है कि तमिलनाडु में केंद्र सरकार हिंदी को थोपने का काम बंद करे।

पीएमके संस्थापक एस रामदॉस ने कहा है कि तमिलनाडु में नेशनल हाई वे के किनारे लगे मील के पत्थरों से अंग्रेजी में लिखे जगहों के नामों को मिटाकर हिंदी में लिखा जा रहा है जो ठीक नहीं है।

और पढ़ें: कश्मीरी युवकों को डीजीपी ने दी सलाह- एनकाउंटर के दौरान घर में रहें, गोलियां किसी को नहीं पहचानतीं

उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि राजमार्गों पर लगाए गए मील के पत्थरों पर जगहों के नाम हिंदी में न लिखे जाएं और अंग्रेजी में ही रहने दें।

रामदॉस ने कहा कि दिनदिवानम तथा कृषनगरी से गुजरने वाले राजमार्ग के किनारे लगे मील के पत्थरों पर कस्बों के अंग्रेजी में लिखे गए नाम को मिटाकर हिंदी में किया जा रहा है।

और पढ़ें: संसद से वित्त विधेयक 2017 पारित, राज्यसभा के संशोधन खारिज

उन्होंने कहा, "इन राजमार्गो से गुजरने वाले विदेशी कारोबारियों तथा पर्यटकों में यह उलझन पैदा कर रहा है।"

उन्होंने कहा कि कस्बों के नाम केवल हिंदी और तमिल में हैं। उनके मुताबिक, ऐसा लगता है कि यह केंद्र सरकार के नीतिगत फैसले का परिणाम है, जिसे स्थानीय स्तर पर नहीं लिया गया।

और पढ़ें: टीडीपी सांसद का सुझाव बड़े करंसी नोटों पर एक्सपायरी डेट भी छापे आरबीआई

आईएनएस इनपुट के साथ

Source : News Nation Bureau

Hindi PMK National highways
Advertisment
Advertisment
Advertisment