विधानसभा चुनाव के बीच उत्तर प्रदेश और पंजाब के 25 भाजपा नेताओं को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 25 भाजपा नेताओं को केंद्रीय सुरक्षा प्रदान की है. मंत्रालय ने कहा है कि आईबी की रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा दी गई है. वहीं, सरकार के इस फैसले की कांग्रेस ने आलोचना की है. कांग्रेस ने इसे स्टेटस सिंबल और डराने-धमकाने का एक प्रकरण करार दिया. कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार जेड-श्रेणी की सुरक्षा के जरिए नेताओं को चुनावी लॉलीपॉप दे रही है.
उन्होंने कहा कि यह एक स्टेटस सिंबल बन गया है. यह डराने-धमकाने का एक उपकरण है. उन्होंने कहा कि इस देश की हर संस्था पहले से ही कुचली हुई है. चुनावों के बीच में जेड-श्रेणी की सुरक्षा जैसी खुली और नग्न रणनीति का उपयोग लोगों के बीच डर का माहौल पैदा करने के उद्देश्य से किया जाता है. इसे स्टेटस सिंबल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा रहा है. यह लोकतंत्र के लिए एक अपमान के अलावा और कुछ नहीं है.
इन नेताओं को मिली है सुरक्षा
जिन नेताओं को सुरक्षा प्रदान की गई है, उनमें उत्तर प्रदेश और पंजाब के नेता शामिल है. केंद्रीय सुरक्षा पाने वाले नेताओं में केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी बघेल का नाम भी शामिल हैं. आपको बता दें कि बघेल मैनपुरी में करहल विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. बघेल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की Z-श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है. गौरतलब है कि उन्हें पहले वाई-श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन हाल ही में मैनपुरी में उनके काफिले पर पथराव के बाद केंद्र ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के भदोही से भाजपा सांसद रमेश चंद बिंद को चुनाव तक एक्स-श्रेणी का सीआईएसएफ की सुरक्षा दी गई है. वहीं, पंजाब में भाजपा विरोधी लहर को देखते हुए दिल्ली से सांसद हंस राज हंस को उनके पंजाब दौरे के लिए जेड-श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. इन तीनों नेताओं को छोड़कर बाकी सभी भाजपा नेताओं को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की वाई और वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. जिन नेताओं को बाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है, उनमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की पूर्व सहयोगी निमिषा मेहता भी शामिल हैं. इसके अलावा अवतार सिंह जीरा, सरदार हरिओम कमल, सुखविंदर सिंह बिंद्रा और परमिंदर सिंह ढींडसा, सरदार दीदार सिंह भट्टी, सरदार कुंवर वीर सिंह तोहरा, सरदार गुरप्रीत सिंह भट्टी के नाम भी शामिल है.
ये भी पढ़ें- प्रियंका ने मणिपुर की जनता से किया बड़ा वादा, हमारी सरकार आई तो हटाएंगे AFSPA
खुफिया की रिपोर्ट को बताया आधार
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक चुनाव के दौरान इन नेताओं की जान को खतरा होने की खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट के बाद सुरक्षा प्रदान की गई है. सूत्रों के मुताबिक, पंजाब में जिन नेताओं को सुरक्षा दी गई है, उनमें से कई नेता हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं. एक अफसर के मुताबिक इनमें से एक ने तो केंद्र को पत्र लिखकर अपनी जान को खतरा होने का दावा करते हुए केंद्रीय सुरक्षा की मांग की थी.' पिछले साल पश्चिम बंगाल चुनावों के दौरान इसी तरह केंद्र ने राज्य में एक दर्जन से अधिक भाजपा उम्मीदवारों और राजनेताओं को केंद्रीय सुरक्षा कवर प्रदान किया था. उनमें टीएमसी से भाजपा में आए सुवेंदु अधिकारी भी शामिल थे.
HIGHLIGHTS
- चुनाव के बीच भाजपा नेताओं की बढ़ाई गई सुरक्षा
- सुरक्षा बढ़ाने पर कांग्रेस नेता ने साधा निशाना
- सुरक्षा को कांग्रेस ने बताया धमकाने का हथकंडा