महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए रेलवे ने अनोखा कदम उठाया है। मध्य रेलवे उपनगरीय माटुंगा स्टेशन पर सभी महिला कर्मचारियों को नियुक्त किया है। माटुंगा स्टेशन देश का पहला महिला विशेष स्टेशन बन गया है।
महिलाएं पिछले दो हफ्तों से मध्य रेलवे पर इस स्टेशन की तैनाती कर रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्टेशन के प्रबंधक ममता कुलकर्णी की देखरेख में पिछले दो हफ्तों से कुल 11 महिला पुरूषों के साथ 11 बुकिंग क्लर्क, पांच आरपीएफ कर्मियों, सात टिकट चेकर्स शामिल हैं।
उन्होंने कहा, 'सभी महिला रेलवे स्टेशन को चिह्नित करने के लिए एक औपचारिक आयोजन जल्द ही किया जाएगा।'
1992 में मध्य रेलवे की पहली स्टेशन मास्टर ममता कुलकर्णी ने कहा, 'रेलवे के साथ 25 वर्षों के अपने कैरियर में मैंने सभी महिला कर्मचारियों के साथ काम करने के बारे में कभी नहीं सोचा था।'
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कुलकर्णी ने कहा, 'हम एक परिवार की तरह काम कर रहे हैं और जिम्मेदारी और सहयोग की भावना के साथ काम कर रहे हैं, शुरुआत में हमे थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।'
उदहारण के लिए जैसे कीर्ति कोठाने जो कभी भी दुर्घटना से जुड़े मामलों में शामिल नहीं थे, उन्होंने अब सीखा है कि इन मामलों को कैसे देखा जाये।
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एक महिला टिकट चेकर ने कहा, 'अब तक हम प्राथमिक रूप से महिला यात्रियों के टिकट की जांच करते थे। लेकिन, जब से हम यहाँ आए है हम पुरुष यात्रियों से टिकट पूछने में संकोच करते हैं।'
मध्य रेलवे के महाप्रबंधक डी.के. शर्मा ने कहा, 'हम मध्य रेलवे में हमारे महिलाओं को सशक्त बनाने में इससे कोई अच्छा तरीका नहीं है और यह विशेष स्टेशन इसके बारे में सब बोलता है।' इस कदम से महिलाओं को सशक्त करने के पीछे सेंट्रल रेलवे जीएम डी.के. शर्मा का हाथ है।
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Source : News Nation Bureau