10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने संसद के बजट सत्र (Budget Session) के दौरान 2 दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने का ऐलान किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूनियनों ने कहा है कि 11 नवंबर से विरोध प्रदर्शन और सम्मेलनों की सीरीज आयोजित की जाएगी. केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की PSU की विनिवेश योजना के विरोध, मजदूरों को होने वाली समस्याओं, नौकरियों की चुनौती और किसानों के मुद्दों को लेकर ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC), हिंद मजदूर सभा (HMS), सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) और इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC) समेत केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने की घोषणा की है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का कहना है कि 11 नवंबर को दिल्ली में ट्रेड यूनियनों का एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. उसके बाद राज्य स्तरीय सम्मेलन और फिर देशभर आंदोलन होगा. केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के मुताबिक आगामी बजट सत्र के दौरान 2 दिन की देशव्यापी हड़ताल किया जाएगा. संयुक्त ट्रेड यूनियनों के मंच ने 26 नवंबर राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े एक केंद्रीय ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ राष्ट्रव्यापी हड़ताल या दूसरे प्रदर्शन में हिस्सा नहीं ले रहा है. बता दें कि 2021-22 के केंद्रीय बजट में सरकार ने वित्त वर्ष 2022 में दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी समेत सरकारी की कंपनियों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री की बात कही थी.
HIGHLIGHTS
- 11 नवंबर से विरोध प्रदर्शन और सम्मेलनों की सीरीज आयोजित की जाएगी
- 26 नवंबर राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है