देश में सेंट्रल विस्टा प्रोजक्ट के तहत नए संसद भवन बनाए जा रहे हैं. नए संसद भवन में लगाई गई शेर की मूर्ति को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कहा कि नए संसद भवन में लगाई गई मूर्ति कानून का उल्लंघन नहीं करती है. SC ने आक्रामक मूर्ति के दावे पर भी सवाल किए हैं. इस पर जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह व्यक्ति के दिमाग पर निर्भर करता है.
यह भी पढ़ें : शशि थरूर ने अपने घोषणापत्र में Pok को दिखाया भारत से अलग, बाद में किया ये सुधार
आपको बता दें कि दो एडवोकेट अलदनीश रेन और रमेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा था कि स्टेट एंबलम ऑफ इंडिया (प्रोहिबिशन ऑफ इम्प्रॉपर यूज) एक्ट 2005 में मंजूरी प्राप्त राष्ट्रीय प्रतीक की डिजाइन के विपरीत नए संसद भवन में नई मूर्ति लगाई गई है. हालांकि, सप्रीम कोर्ट ने माना है कि मूर्ति के निर्माण में कोई भी कानून का उल्लंघन नहीं है.
यह भी पढ़ें : विजयदशमी पर कड़ी सुरक्षा के बीच गोरक्षपीठ से निकलेगी शाही सवारी, ये रहेंगे इंतजाम
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि प्रतीक में शामिल शेर आक्रामक और क्रूर दिख रहे हैं, शेर का मुंह भी खुला हुआ है और दांत भी दिखाई पड़ रहे हैं, जबकि जबकि सारनाथ में स्थित मूर्ति के शेर शांत हैं. याचिका में आगे कहा गया है कि ये चारों शेर बुद्ध के विचार दिखाते हैं. यह सिर्फ एक डिजाइन नहीं है, बल्कि इसका अपना सांस्कृतिक महत्व भी है.