केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर कर किसान आंदोलन समाप्त कराने की दिशा में सरकार की ओर से की गई पहल पर किसान संगठनों के नेताओं की केंद्र सरकार के साथ बुधवार को छठे दौर की औपचारिक वार्ता होगी. हालांकि सरकार और किसान संगठन पहले से तय मुद्दों को लेकर अपने-अपने रुख पर कायम हैं, मगर उन्हें इस वार्ता से समाधान के रास्ते निकलने की उम्मीद है.
सरकार की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि किसानों के मसले का समाधान वार्ता से ही होगा और सरकार के आग्रह पर ही आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान संगठनों के नेता अगले दौर की वार्ता के लिए राजी हुए हैं. पंजाब में भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल बुधवार को सरकार के साथ वार्ता के लिए जाने वाले किसान नेताओं में शामिल रहेंगे. हरिंदर सिंह ने कहा कि सभी किसान चाहते हैं कि सरकार जल्द इन तीनों कानूनों को रद्द करे ताकि आंदोलन समाप्त हो.
वह कहते हैं कि ये कानून किसानों के हित में नहीं हैं, इसलिए सरकार किसी अन्य मुद्दे पर बात करने से पहले इन तीनों कानूनों को रद्द करे. हरिंदर सिंह ने कहा, 'हम सरकार के साथ सभी चार मसलों पर बात करेंगे और हमें उम्मीद है कि बातचीत से मसले का समाधान निकलेगा.' सरकार और किसान नेताओं के बीच हुए पत्राचार में दोनों पक्षों ने साफ नीयत से सभी मसलों पर बातचीत करने की बात कही है. कृषि सचिव की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार भी साफ नीयत और खुले मन से प्रासंगिक मुद्दों के तर्कपूर्ण समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
इस पत्र के जवाब में मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कृषि सचिव को लिखे गए पत्र में भी प्रासंगिक मुद्दों के तर्कपूर्ण समाधान के लिए तय एजेंडा के अनुसार वार्ता चलाने की अपील की गई है. किसान संगठन की ओर से लिखे गए इस पत्र में भी वार्ता के लिए चार मुद्दों का जिक्र किया गया है. पत्र के आखिर में किसान संगठन ने कहा, 'प्रासंगिक मुद्दों के तर्कपूर्ण समाधान के लिए जरूरी होगा कि हमारी वार्ता इसी एजेंडा के अनुसार चले.' ये मुद्दे हैं :
- तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्दध्निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि
- सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं
- किसानों के हितों की रक्षा के लिए विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे को वापस लेने (संशोधन पिछले पत्र में गलती से जरूरी बदलाव लिखा गया था) की प्रक्रिया.
Source : News Nation Bureau