प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि केंद्र बौद्ध पर्यटन के लिए बुयिनादी ढांचा तैयार कर रही है ताकि देश के प्रमुख बौद्ध स्थलों से दक्षिणपूर्व एशिया को जोड़ा जा सके।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो संबोधन 'मन की बात' के दौरान कहा, 'हम बौद्ध पर्यटन के लिए बुनियादी ढांचा तैयार कर रहे हैं, जो देश के महत्वपूर्ण बौद्द स्थलों को दक्षिणपूर्व एशिया से जोड़ेगा। मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि सराकर कई बौद्ध मंदिरों के जीर्णोद्धार में साझेदार है, जिनमें म्यांमार के बागान में सदियों पुराना आनंद मंदिर भी शामिल है।'
उन्होंने कहा कि देश को भगवान बुद्ध की बुद्धिमता विरासत में मिली है।
पीएम ने कहा कि बौद्ध धर्म ने भारत को चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया और म्यांमार जैसे कई एशियाई देशों से जोड़ा है, भगवान बुद्द की शिक्षाएं जहां की परंपरा का हिस्सा रही हैं।
मोदी ने कहा, 'आज, जब विश्व में हर जगह टकराव और मानवीय पीड़ा है, भगवान बुद्ध की शिक्षाएं करुणा के जरिए विश्व की घृणा से मुक्ति का मार्ग दिखाती हैं। मैं भगवान बुद्ध का सम्मान करने वाले और उनके करुणा के सिद्धांतों में विश्वास करने वाले दुनियाभर के लोगों को बुद्ध पूर्णिमा के पावन मौके पर बधाई देता हूं।'
देश के लोगों को खुद पर गर्व होना चाहिए कि यह भगवान बुद्ध की जन्मभूमि है।
उन्होंने कहा, 'आज, जब हम भगवान बुद्ध को याद कर रहे हैं, आपने लाफिंग बुद्धा की मूर्तियों के बारे में सुना होगा, जिनके बारे में कहा जाता है कि यह अच्छा भाग्य लेकर आती है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि लाफिंग बुद्धा देश की सुरक्षा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण प्रकरण से भी जुड़ा हुआ है।'
मोदी ने यह 11 मई, 1998 को बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही राजस्थान के पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण के संदर्भ में कहा।
देश भर में सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा मनाया जाएगा।
और पढ़ें: 'मन की बात' में पीएम मोदी ने कहा, पोखरण परीक्षणों ने देश की परमाणु शक्ति का मनावाया लोहा
Source : IANS