केंद्र ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) से जल्द से जल्द व्यय प्रस्ताव मांगे, ताकि हाल ही में स्वीकृत 23,123 करोड़ रुपये के आपातकालीन कोविड-19 प्रतिक्रिया पैकेज (ईसीआरपी) फेस-2 को शीघ्र मंजूरी दी जा सके।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ईसीआरपी फेस-2 के तहत तैयारियों की समीक्षा करते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मांग रखी, जिसका उद्देश्य तेजी से रोकथाम, पता लगाने और बाल चिकित्सा देखभाल सहित स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास की तैयारी में तेजी लाना है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8 जुलाई को 2021-22 के लिए 23,123 करोड़ रुपये की नई योजना भारत कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी परियोजना : चरण-2 को मंजूरी दी थी। यह योजना 1 जुलाई से लागू की जाएगी और 31 मार्च, 2022 तक चलेगी।
ईसीआरपी के चरण-2 में केंद्रीय क्षेत्र (सीएस) और केंद्र प्रायोजित योजनाएं (सीएसएस) घटक हैं। यह योजना ग्रामीण, उपनगरीय और आदिवासी क्षेत्रों में विकेंद्रीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यो और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने में मदद करेगी।
समीक्षा बैठक के दौरान, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की नीतियों और दिशानिर्देशों पर निर्देशित किया गया, जो कोविड-19 प्रतिक्रिया को कारगर बनाने के लिए उनके स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेंगे। बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई।
बैठक के दौरान हाइलाइट किए गए फोकस में परीक्षण क्षमता को बढ़ाने के लिए परीक्षण, ट्रैक, ट्रीट और अलग रणनीति की आवश्यकता पर जोर दिया गया। साथ ही, बाल चिकित्सा देखभाल और उप-जिला स्तरों में अस्थायी अस्पतालों सहित अतिरिक्त बिस्तर, महत्वपूर्ण दवाओं, परीक्षण किट और पीपीई की उपलब्धता सुनिश्चित करने ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने और घर और गांव के सामुदायिक अलगाव केंद्रों के साथ-साथ कोविड देखभाल केंद्रों को मजबूत करने, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) और भारतीय नर्सिग परिषद (आईएनसी) के परामर्श से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुरूप कुशल चिकित्सा और पैरा-मेडिकल एचआर को बनाए रखने और बढ़ाने पर जोर दिया गया।
बाल चिकित्सा कोविड-19 प्रबंधन की जरूरतों के साथ-साथ प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में बाल चिकित्सा उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए देश के सभी 736 जिलों में समर्पित बाल चिकित्सा देखभाल इकाई स्थापित करने के लिए राज्यों को सहयोग देने का भी निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा, टेली-आईसीयू सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य मेडिकल कॉलेज या राज्य अस्पताल या केंद्रीय अस्पताल जैसे एम्स, राष्ट्रीय महत्व का संस्थान) व जिला बाल चिकित्सा इकाइयों को परामर्श और तकनीकी सहायता देने का निर्देश भी दिया गया है।
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Source : IANS