Centre has filed a fresh affidavit in the same-sex marriage : भारत में समलैंगिक शादियों को मंजूरी मिलेगी या नहीं, इस पर 'सुप्रीम' सुनाई अभी सुप्रीम कोर्ट में जारी है. इस बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर उनकी स्थिति की जानकारी मांगी है. केंद्र सरकार चाहती है कि इस मुद्दे पर सभी राज्य अपनी स्थिति स्पष्ट करे. साथ ही केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखने को कहा है. इसके लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वो सभी राज्यों को बतौर पार्टी इस मामले में शामिल करे.
केंद्र ने दिया नया एफिडेविट
केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में नई एफिडेविट फाइल की है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से पहले ही केंद्र सरकार ने अपना एफिडेविट फाइल कर दिया और सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि इस मामले में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी पार्टी बनाया जाए. क्योंकि ये मामला राज्यों से जुड़ा है. ऐसे में केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकारों को भी इस केस में पार्टी बनाना चाहिए. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट नें समलैंगिक विवाह से जुड़े कई मामलों की सुनवाई चल रही है.
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कई याचिकाएं समलैंगिक विवाह के पक्ष में, कई विपक्ष में
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह के पक्ष में कई याचिकाएं पड़ी हैं. वहीं, विरोध में भी कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट के सामने है. इस समय सुप्रीम कोर्ट की सबसे बड़ी बेंच इस केस की सुनवाई कर रही है. केंद्र सरकार ने समलैंगिक विवाह का ये कहते हुए विरोध किया है कि इससे तो विवाह नाम की संस्था ही खत्म हो जाएगी, क्योंकि विवाह में एक पुरुष और एक महिला का होना जरूरी है.
HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह पर सुनवाई जारी
- केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पार्टी बनाने को कहा
- राज्य सरकारों की स्थिति भी जानना चाहती है सरकार