हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी बायोलॉजिकल ई (Biological E) को 'कॉर्बेवैक्स' (Corbevax) COVID-19 वैक्सीन की पांच करोड़ खुराक के लिए केंद्र सरकार ने ऑर्डर दिया है. 'कॉर्बेवैक्स' की हर खुराक का दाम 145 रुपए रखा गया है. फरवरी के अंत तक वैक्सीन की खेप आने की उम्मीद है. इससे कोरोना टीकाकरण की रफ्तार में काफी तेजी आने की उम्मीद है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक बार नियामकीय मिल जाने के बाद सरकार 15 वर्ष से भी कम उम्र के किशोरों को कोरोना का टीका लगाना शुरू कर सकती है. कई राज्य स्कूलों को दोबारा से खोल रहे हैं, ऐसे में बच्चों का टीकाकरण जरूरी हो गया है.
दरअसल, कॉर्बेवैक्स को वर्तमान समय में केवल वयस्कों को लगाने की इजाजत मिली थी. बायोलॉजिकल ई ने हाल ही में 5-12 वर्ष और 12-18 वर्ष के समूह का परीक्षण पूरा किया है. कोरोना वायरस के लिए टीकाकरण पर शुक्रवार को वैज्ञानिक विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की बैठक में 12-18 वर्षों के समूह में कॉर्बेवैक्स के क्लिनिकल ट्रायल डेटा की समीक्षा की.
हालांकि कंपनी ने अभी तक बच्चों पर परीक्षण से मिले डेटा को DCGI को नियामक अनुमोदन के लिए पेश नहीं किया है. सूत्रों ने संकेत दिया कि एक बार जब एनटीएजीआई के सदस्य डेटा से संतुष्ट होते हैं, तो नियामक से अंतिम मंजूरी में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
अभी किशोरों को लग रही सिर्फ कोवैक्सिन
इस समय भारत में केवल 15-17 वर्ष के किशोरों को सिर्फ कोवैक्सिन का टीका लगाया जा रहा है. सरकार टीकाकरण के लिए टीके की उपलब्धता कराती है. किशोरों को सिर्फ कोवैक्सिन दिया जा रहा है. सीमित उत्पादन की वजह से कोरोना की आपूर्ति पर असर पड़ रहा है. कोवैक्सिन का उपयोग पात्र लोगों को "ऐहतियाती" या बूस्टर खुराक देने के लिए भी किया जाता है. एक माह में 15-17 वर्ष के 7.4 करोड़ किशोरों में लगभग 66 प्रतिशत को कोवैक्सिन की पहली खुराक दी गई है. 3 जनवरी 2022 को किशोरों के टीकाकरण की शुरुआत की गई थी. करीब 56 लाख बच्चों को दूसरी खुराक मिल गई है.
HIGHLIGHTS
- फरवरी के अंत तक वैक्सीन की खेप आने की उम्मीद है
- कोरोना टीकाकरण की रफ्तार में काफी तेजी आने की उम्मीद है
- सरकार 15 वर्ष से भी कम उम्र के किशोरों को कोरोना का टीका लगाना शुरू कर सकती है