देश में पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम में सुधार लाने के लिये केंद्र सरकार ने सभी सरकारी राशन दुकानों से सब्सिडी पर राशन लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है।
लेकिन सरकार ने जिन लोगों के पास आधार नहीं है उन्हें आदार कार्ड बनवाने के लिये 30 जून तक का वक्त दिया है।
पिछले ही सप्ताह केंद्र सरकार ने कहा था कि वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के लिए आधार कार्ड को जरूरी बनाने पर विचार कर रही है। हालाकि ये अनिवार्य नहीं होगा। केंद्र ने सभी राज्य सरकारों से जल्द से जल्द लाभार्थियों के राशन कार्ड्स को आधार से जोड़ने को कहा था।
केंद्र सरकार ने कहा कि कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के मकसद से राज्य सरकारों ने जून तक सभी राशन दुकानों पर डिजिटल पेमेंट की सुविधा उपलब्ध कराने भी का वादा किया है।
खाद्य सुरक्षा कानून के तहत इस समय देश के करीब 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेहूं या चावल प्रति माह 2 से 3 रुपये तक कीमत में मिलता है। इस स्कीम पर सरकार को सालाना करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
पिछले ही दिनों केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने डिजिटल ट्रांजैक्शंस को बढ़ावा देने के लिए राज्य के खाद्यान्न मंत्रियों और सचिवों का सम्मेलन बुलाया था।
पासवान के मुताबिक, 'देश में 5.27 लाख राशन दुकानों में से 29,000 दुकानें डिजिटल पेमेंट की सुविधा से युक्त हैं। हमें यह बताते हुए खुशी है कि कई राज्यों में मार्च तक सभी राशन दुकानें डिजिटल पेमेंट की सुविधा से लैस होंगी।'
फिलहाल आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली और महाराष्ट्र ने मार्च तक कैशलेस होने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।
Source : News Nation Bureau