देश के शीर्ष उद्योगपतियों में से एक मुकेश अंबानी और उनके परिवार को सुरक्षा देने के मामले में एक पीआईएल दाखिल किया गया है. ये पीआईएल पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में दाखिल हुआ है. हालांकि केंद्र सरकार ने इस पीआईएल को खारिज करने की मांग की है. दरअसल, त्रिपुरा हाई कोर्ट ने पीआईएल पर सभी पक्षों को नोटिस जारी कर दिया है. जिसमें तय समय के भीतर सभी पक्षों को जवाब रखना था. ऐसे में केंद्र सरकार ने मुकेश अंबानी की सुरक्षा को बनाए रखने और ऐसे किसी भी पीआईएल को खारिज करने की मांग कर दी है, क्योंकि ये पब्लिक इंटरेस्ट का मामला है ही नहीं.
ये जनहित का मामला नहीं, खारिज हो पीआईएल
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दलील दी है कि ये मामला जनहित का बनता ही नहीं है. दूसरी ओर उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार को दी गई सुरक्षा का त्रिपुरा सरकार से कोई सरोकार नहीं है, इसलिए हाईकोर्ट के पास इस संबंध में दाखिल जनहित याचिका पर विचार करने का अधिकार नहीं है. यहां उनका अधिकार क्षेत्र नहीं बनता है.
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केंद्र सरकार ने किया दखल का अनुरोध
हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों को खतरे की धारणा से संबंधित दस्तावेजों के साथ मंगलवार को अपने समक्ष पेश होने के लिए तलब किया है, इसलिए केंद्र ने आज सुप्रीम कोर्ट से मामले में दखल देने का अनुरोध किया. उन्होंने दलील दी कि ये मामला पब्लिक इंटरेस्ट का नहीं है. ऐसी ही याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट पहले खारिज कर चुकी है. दलीलें सुनने के बाद जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन बेंच ने कहा कि वो मामले की सुनवाई मंगलवार को करेंगे.
HIGHLIGHTS
- मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
- त्रिपुरा हाईकोर्ट ने जारी किया है नोटिस
- SC में सरकार की दलील, ये पब्लिक इंटरेस्ट का मामला नहीं