केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को कहा है कि सुरक्षा बलों द्वारा पैलेट गन का इस्तेमाल अंतिम विकल्प के रूप में किया जाता है। लेकिन इससे किसी की जान जाए ये मंशा नहीं रहती है।
केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच को बताया, 'पैलेट गन का इस्तेमाल अंतिम विकल्प के तौर पर होता है, लेकिन इसका उद्देश्य किसी को मारना नहीं है।'
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अटॉर्नी जनरल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, 'पैलेट गन की जगह दूसरे विकल्प भी ढूंढे जा रहे हैं। जिसमें पैलेट गन की जगह रबर बुलेट का भी इस्तेमाल शामिल है। लेकिन रबर बुलेट, पैलेट गन की तरह प्रभावी नहीं है।'
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सुरक्षा बल पैलेट गन का इस्तेमाल तब तक नहीं करती हैं, जबतक कि प्रदर्शनकारी उनके बहुत करीब तक नहीं आ जाते हैं।
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आटॉर्नी जनरल ने पैलेट गन के दूसरे उपायों और विकल्पों की जानकारी देते हुए ये भी बताया कि सुरक्षा कारणों से उनके नामों का खुलासा करना ठीक नहीं होगा।
हाल ही में पैलेट गन का विकल्प तलाशने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है।
सुरक्षा बलों द्वारा जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंकने वालों को नियंत्रित करने के लिये इसके इस्तेमाल के कारण सरकार और सुरक्षा बलों को कड़ आलोचना का शिकार होना पड़ा था।
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HIGHLIGHTS
- पैलेट गन का इस्तेमाल अंतिम विकल्प के तौर पर
- किसी को मारने का उद्देश्य नहीं
- पैलेट गन के विकल्पों पर काम जारी
Source : News Nation Bureau