Chaath Parv: जातिवाद खत्म करता है छठ का पर्व, क्या आपको पता है ये खासियत

छठ पर्व (Chaath Parv) की एक ऐसी सांस्कृतिक विशेषता भी है, जिसकी चर्चा बहुत कम होती है. इसके पुराने स्वरूप को देखें तो यह विशेषता पता चलती है.

author-image
Apoorv Srivastava
New Update
chath 67

religious( Photo Credit : social media)

Advertisment

छठ पर्व (Chaath Parv) बिहार सहित पूरे देश में विभिन्न स्थानों पर मनाया जा रहा है. बुधवार (11 नवंबर) को अस्ताचल सूर्य का अर्घ्य दिया गया. वहीं, गुरुवार को सुबह अर्घ्य दिया जाना है. छठ की विभिन्न सांस्कृतिक विशेषता की तमाम चर्चाएं होती हैं लेकिन बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि छठ एक ऐसा पर्व है, जिसमें सामाजिक एकता का संदेश छिपा था. यह जातिवाद जैसी सामाजिक कुरीतियों को खत्म भी करता था. इस बारे में बिहार के गया जिले के रहने वाले और बिहार की संस्कृति पर विभिन्न डॉक्यूमेंट्री बना चुके धर्मवीर भारती ने बताया कि पुराने समय में छठ के पर्व पर जिस सूप से सूर्य को अर्घ्य दिया जाता था, वह सूप डोम के घर से आता था. यही नहीं, ये सूप श्मशान घाट के बांस से बनता था. इसके अलावा जुलाहे से यहां से कपड़ा लाने की परंपरा थी.  किसानों से सब्जी-फल व अनाज आता था और ग्वाला दूध देता था. कुम्हार से मिटट् के बर्तन मिलते थे. ये सभी चीजें ऐसी हैं, जो छठ के पूजन के लिए बहुत जरूरी है. इनके बिना छठ का पूजन संभव नहीं है. अब बेशक सामान लोग बाजार से खरीदने लगे हैं लेकिन छठ में छिपा यह सुंदर संदेश अभी भी कहीं न कहीं जीवित है.

इसे भी पढ़ेंः india vs pakistan: फिर से होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच, अब जीतकर दिखाएंगे

कमाल की बात ये भी है कि छठ का पूजन कोई जाति विशेष नहीं करती थी. सभी लोग मिलजुल कर इस पर्व को सैकड़ों सालों से मनाते आ रहे हैं. ऐसे में यह पर्व जातिवाद जैसी कुरीतियों को खत्म करने में भी सहयोगी था. इस पर्व में सामाजिक एकता का संदेश छिपा हुआ है. वहीं, ये भी सिद्ध होता है कि हमारी संस्कृति में जातिवाद मूल तत्व नहीं है बल्कि बाद में गलत प्रचलन के कारण जुड़ गया. 

Source : News Nation Bureau

Chhath in Bihar first Chhath festival Chhath Parv Chhath Parv spacial story Chhath Parv News Chhath Parv Latest News छठ पर्व की खबर छठ पर्व लेटेस्ट खबर Chhath ends casteism छठ से जातिवाद का अंत
Advertisment
Advertisment
Advertisment