Advertisment

बेंगलुरु के चमराजपेट इलाके को सुरक्षा छावनी में बदला, आरएएफ समेत डेढ़ हजार पुलिसकर्मी तैनात

बेंगलुरु के चमराजपेट इलाके के मैदान को लेकर उठा विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही यह तय हो पाएगा की इस मैदान में गणेश उत्सव मनाया जाएगा या नहीं.

author-image
Mohit Saxena
एडिट
New Update
chamrajpet1

बेंगलुरु के चमराजपेट इलाके को सुरक्षा छावनी में बदला( Photo Credit : सांकेतिक फोटो)

बेंगलुरु के चमराजपेट इलाके के मैदान को लेकर उठा विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही यह तय हो पाएगा की इस मैदान में गणेश उत्सव मनाया जाएगा या नहीं. लेकिन हालात को देखते हुए प्रशासन सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है. लिहाजा पुलिस ने आज चमराजपेट मैदान और इसके आसपास के इलाकों में रूट मार्च किया. रूट मार्च में आरएएफ, कर्नाटका पुलिस की SWAT टीम और बेंगलूर पुलिस के पुलिसकर्मियों ने भाग लिया. बेंगलुरु वेस्ट डिवीजन के एडिशनल कमिश्नर संदीप पाटिल के अनुसार रूट मार्च स्थानीय लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए किया गया ताकि लोगों को लगे पुलिस उनके साथ है और उन्हें डरने की जरूरत नहीं है और साथ ही जो लोग माहौल बिगाड़ने की फिराक में होते हैं. उनके लिए भी रूट मार्च एक वार्निंग है. आरएएफ के 120, Dswat के 100 जवान और अधिकारियों के साथ साथ बेंगलुरु पुलिस के तकरीबन 1200 अधिकारी और पुलिसकर्मियों को चमराजपेट में तैनात किया गया है. 

Advertisment

दरअसल सोमवार को कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने कर्नाटका हाईकोर्ट के डिविजन बेंच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और आज इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होने वाली है.  कर्नाटका हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने इसी अदालत के सिंगल बेंच के अंतरिम आदेश में बदलाव किया था और कहा था की इस मैदान पर अगर किसी धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन  का प्रस्ताव सरकार के सामने है तो सरकार उस पर विचार कर सकती है. हालांकि यही अधिकार सरकार को 31 अगस्त से एक निश्चित अवधि के लिए ही प्राप्त होगा. इसे पहले 25 अगस्त को कर्नाटका हाईकोर्ट ने  वॉक बोर्ड की बीबीएमपी के फैसले के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए अपने अंतरिम आदेश में कहा था की इस मैदान को लेकर स्टेटस को मेंटेन किया जाए लेकिन साल में दो बार मुस्लिम समुदाय इस मैदान में ईद नमाज अदा कर सकता है. 15 अगस्त और 26 जनवरी को सरकार इस मैदान में तिरंगा फहरा सकती है लेकिन बाकी दिनों में इस मैदान को सिर्फ खेलने के लिए इस्तेमाल जा सकता है. कर्नाटका सरकार ने 26 अगस्त को इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट के डिविजन बेंच के सामने अपील की थी. जिसके बाद डिविजन बेंच ने इस अंतरिम आदेश में बदलाव किया था .

चमर्जपेट के इस मैदान को इस साल जुलाई तक ईदगाह मैदान कहा जाता था लेकिन अगस्त में बीबीएमपी ने बताया की यह मैदान वक्फ बोर्ड का नहीं है बल्कि रेवेन्यू विभाग है. इसके बाद इस मैदान को चमराजपेट मैदान कहा जाने लगा. इसके बाद ही हिंदू संगठनों ने मांग की मैदान में गणेश उत्सव मनाने की. अब देखना होगा की सुप्रीम कोर्ट इस मामले को लेकर क्या आदेश जारी करती है और इसी आदेश के बाद यह साफ होगा की चमराजपेट के इस मैदान में गणेश उत्सव मनाने की इजाजत मिल पाएगी या नहीं .

सुप्रीम कोर्ट में बेंगलुरु के चमराजपेट मैदान को लेकर सुनावी से पहले पुलिस ने किया चमराजपेट में रूट मार्च . आरएएफ, कर्नाटका पुलिस की टीम और बेंगलुरु पुलिस के पुलिसकर्मी हुए रूट मार्च में शामिल. रूट मार्च चमराजपेट मैदान से शुरू हवा और तकरीबन चार किलोमीटर का राउंड कर के मैदान में ही खत्म हुआ. हालात को देखते हुवे 1400 पुलिसकर्मियों को इस मैदान में और इर्द गिर्द  तैनात किया गया . 

Advertisment

Source : Rajni Singh

Chamrajpet area bangalore आरएएफ RAF deployed बेंगलुरु के चमराजपेट इलाके को सुरक्षा छावनी में बदला
Advertisment
Advertisment