Chandigarh Blackout से बिगड़े हालात, पीने के पानी के पड़े लाले, अस्पतालों में सर्जरी भी टली

केंद्र शासित राज्य चंडीगढ़ पिछले 36 घंटे से अंधेरे में डूबा हुआ है. हालात ये है कि मोबाइल और इन्वर्टर ने भी अब जवाब देना शुरू कर दिया है. बिजली संकट को देखते हुए  ऑनलाइन कक्षाएं भी रद्द कर दी गई है.

author-image
Iftekhar Ahmed
एडिट
New Update
chandigarh11

चंडीगढ़ ब्लैक आउट( Photo Credit : Honey Nanwani)

Advertisment

केंद्र शासित राज्य चंडीगढ़ पिछले 36 घंटे से अंधेरे में डूबा हुआ है. हालात ये है कि मोबाइल और इन्वर्टर ने भी अब जवाब देना शुरू कर दिया है. बिजली संकट को देखते हुए  ऑनलाइन कक्षाएं भी रद्द कर दी गई है. इसके साथ ही बिजली न होने की वजह से शहर में पानी की किल्लत भी पैदा हो गई है. वहीं, शहरों के कई इलाकों में ट्रैफिक लाइट तक काम नहीं कर रही हैं. हालात इतने खराब है कि अस्पतालों को सर्जरी तक टालनी पड़ रही है. चंडीगढ़ स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. सुमन सिंह ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए बताया कि हमारे पास जनरेटर हैं, लेकिन एक जनरेटर पर अस्पताल का 100 फीसदी भार नहीं डाला जा सकता है. इसलिए, हमें अपनी पहले से तय सर्जरी को स्थगित करना पड़ा है. हालांकि, एस्मा लगाने के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म कर काम पर वापिस आने का ऐलान किया है. कर्मचारियों के इस फैसले के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही बिजली सेवा बहाल हो जाएगी. 

प्रशासन की तैयारियों की खुली पोल
बिजली संकट के बीच डीजी सीओएआई, लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. एसपी कोचर ने अपने एक बयान में कहा है कि टेलीकॉम ऑपरेटर बिजली आपूर्ति के अभाव में वैकल्पिक स्रोतों की बैटरी, डीजी, सोलर पैनल आदि का उपयोग करके अपनी साइटों, एक्सचेंजों आदि को ध्यान में रखकर बिजली मुहैया कराने के लिए सभी उपाय कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि, विरोध-प्रदर्शन के चलते बिजली सप्लाई बाधित है. वहीं, चंडीगढ़ प्रशासन के अफसरों ने दावा किया कि उन्होंने बिजली आपूर्ति बनाए रखने की व्यवस्था की थी. हालांकि, सरकारी दावों के उलट शहर के कई इलाकों के निवासियों और व्यापारियों ने बिजली गुल होने की शिकायत की है.

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से बिगड़े हालात
गौरतलब है कि बिजली कर्मचारी चंडीगढ़ में बिजली वितरण का निजीकरण करने के फैसले के खिलाफ है. कर्मचारियों ने अपना विरोध जताने के लिए 72 घंटे के हड़ताल का ऐलान किया था. ये कर्मचारी 21-22 फरवरी की रात से हड़ताल पर चले गए थे. दरअसल, हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को डर है कि निजीकरण से उनकी सेवा शर्तों में बदलाव आएगा और बिजली दरों में भी बढ़ोतरी होगी. केंद्र शासित प्रदेश के सलाहकार धर्मपाल ने बिजली कर्मचारी संघ के साथ बैठक भी की थी. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया. 

एस्मा के बाद हड़ताल खत्म
चंडीगढ़ में 36 घंटे के ब्लैक आउट के बाद प्रशासन की सख्ती और एस्मा लगाने के बाद बिजली कर्मचारियों ने 72 घंटे की हड़ताल खत्म कर दी है. सूत्रों के अनुसार कुछ ही घंटों में पूरे शहर में बिजली की आपूर्ति सामान्य कर दी जाएगी. गौरतलब है कि हड़ताल की वजह से  शहर के ज्यादातर हिस्सों में बिजली गुल  हो गई थी. जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई थी. हालात से निपटने के लिए प्रशासन ने एस्मा लगा दिया था. गौरतलब है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में 30 साल बाद एस्मा लगाया है.

HIGHLIGHTS

  • 72 घंटे के हड़ताल पर गए कर्मचारी
  • निजीकरण फैसले का करे हैं विरोध
  • 36 घंटे से अंधेरे में डूबा है चंडीगढ़
Chandigarh power cut chandigarh power cut
Advertisment
Advertisment
Advertisment