सूर्य ग्रहण के बाद अब 16 जुलाई को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है. यह चंद्रग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन 16 जुलाई को लगेगा. ऐसा दुर्लभ योग 149 साल बाद बन रहा है. इससे पहले साल 1870 में ऐसा दुर्लभ योग देखने को मिला था. खास बात यह है कि इस बार यह चंद्रग्रहण भारत में भी दिखाई देगा. यह ग्रहण पूरे तीन घंटे तक रहेगा. 16 जुलाई 2019 की रात करीब रात में 1 बजकर 32 मिनट पर, ग्रहण का मध्य भर में 3 बजकर 1 मिनट एवं चंद्र ग्रहण का मोक्ष 4 बजकर 30 मिनट पर होगा.
हिंदू धर्म में ग्रहण को काफी महत्व दिया जाता है. हिंदू पंचांग की मानें तो इस बार चंद्र ग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहा है. यह चंद्रग्रहण खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है. ग्रहण को लेकर कई तरह की मान्यताएं भी प्रचलित हैं. वहीं, शहर के सभी प्रमुख मंदिरों के पट शाम चार बजे सूतक लगने के कारण बंद दिया गया है, जोकि जो दूसरे दिन बुधवार सुबह खुलेंगे. अर्थात, चंद्रग्रहण लगने के चलते 13 घंटे मंदिर के आराध्य के दर्शन नहीं हो सकेंगे.
ग्रहण को लेकर प्रचलित कुछ नियम
- ग्रहण के दौरान अन्न जल ग्रहण नहीं करना चाहिए.
- चंद्र ग्रहण के दौरान स्नान नहीं करना चाहिए. ग्रहण खत्म होने के बाद या इससे पहले स्नान कर लें.
- ग्रहण को कभी भी खुली आंख से नहीं देखना चाहिए. इसका आंखों पर बुरा असर पड़ता है.
- ग्रहण के समय मंत्रों का जाप किया जा सकता है.
ग्रहण पर लाभ पाने के लिए ये उपाय करें
- यदि घर में कोई लंबे समय से बीमारी है तो ग्रहण के बाद घी और खीर से हवन आदि करने से से लाभ होता है.
- चंद्रमा कमजोर स्थिति में है तो 'ऊं चंद्राय नम:' मंत्र का जाप करने से लाभ मिलेगा.
- ग्रहण के दौरान प्राणायाम और व्यायाम करना चाहिए, सोच को सकारात्मक रखना चाहिए.
- चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए.
- स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान करा कर उनकी पूजा करें.
- जरूरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मणों को अनाज का दान करना चाहिए.