आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को कहा कि विपक्षी दलों की राजनीतिक और वैचारिक मजबूरियां हो सकती हैं लेकिन उन्हें लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए 'क्या सही है' इस आधार पर आगे बढ़ना होगा. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नायडू ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि लोग धोखा महसूस कर रहे हैं और विपक्षी दलों को देश के समग्र हित में साथ आने के रास्ते तलाशने चाहिए.
इससे पहले नायडू ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव से मुलाकात की. उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी सरकार के खिलाफ विशाल मोर्चा गठित करने के अपने प्रयास में यह मुलाकात की.
यह पूछने पर कि क्या वह तीसरे मोर्चे के संयोजक हो सकते हैं, जिसपर नायडू ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया लेकिन कहा कि गठबंधन सरकारों ने अच्छा काम किया है और उनकी नीतियां बहुत स्पष्ट थी.
राष्ट्रीय मोर्चा और संयुक्त मोर्चे की सरकारों समेत केंद्र में गठबंधन की सरकारों के बारे में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार चला रहे हैं लेकिन यह राष्ट्र के लिए बहुत खराब है.
बसपा प्रमुख मायावती के साथ उनकी बैठक के बारे में पूछने पर नायडू ने कहा कि वह विवरण का खुलासा नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा, "क्या सही है, (इस आधार पर) हमें आगे बढ़ना होगा. यहां राजनीतिक मजबूरियां हैं, वैचारिक मजबूरियां हैं..और कुल मिलाकर राष्ट्र हित के लिए हमें साथ आना होगा."
नायडू ने चुनाव के बाद संभावित गठबंधन के बारे में बात की.
उन्होंने कहा, "चुनाव के बाद कुछ बड़े लोग आ सकते हैं. इस वक्त केंद्र सरकार पर दबाव है. यह आगे भी जारी रहेगा."
कांग्रेस पर उनके रुख के बारे में पूछने पर नायडू ने कहा कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति के खिलाफ दोनों पार्टियां गठबंधन का हिस्सा हैं.
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राज्य को विभाजित किया लेकिन उसने विशेष दर्जे का वादा किया था, जिसे बीजेपी नीत सरकार ने लागू नहीं किया.
Source : IANS