चंद्रयान-2 पर विदेशी मीडिया ने ISRO को बधाई देते हुए उठाए कुछ सवाल, पढ़ें Reaction

चंद्रयान-2 मिशन को लेकर भले ही भारत को झटका लगा है, लेकिन पूरी दुनिया में इसकी सराहना हो रही है. आइए बताते हैं विदेशी मीडिया ने चंद्रयान-2 को लेकर क्या कहा?

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nitu pandey
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चंद्रयान-2 पर विदेशी मीडिया ने ISRO को बधाई देते हुए उठाए कुछ सवाल, पढ़ें Reaction

चंद्रयान -2 लैंडिंग के वक्त की तस्वीर (फोटो:@isro)

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चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के लैंडर विक्रम (Vikram) का शनिवार को संपर्क टूट गया. चांद की सतह से केवल 2.1 किलोमीटर की दूरी पर जब विक्रम लैंडर था उसी वक्त संपर्क टूटा. चंद्रयान-2 पर पूरी दुनिया की नजर टिकी थी. चंद्रयान-2 मिशन को लेकर भले ही भारत को झटका लगा है, लेकिन पूरी दुनिया में इसकी सराहना हो रही है. आइए बताते हैं विदेशी मीडिया ने चंद्रयान-2 को लेकर क्या कहा?

अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने एक आर्टिकल में लिखा है, 'भले ही भारत पहली कोशिश में लैंडिंग नहीं करा पाया, इसकी कोशिश इसकी इंजीनियरिंग के कौशल और महत्वाकांक्षाओं को दिखाती है.'

फ्रांसीसी अखबार ले मोंदे ने लिखा, 'चंद्रयान-2 की संभावित नाकामी से भारत की कम खर्च (में मिशन) वाली रणनीति को लेकर संदेह बढ़ सकता है. 978 करोड़ रुपये वाले इस मिशन का खर्च इस साल की शुरुआत में चांद के छिपे हिस्से की जानकारी जुटाने वाले चीनी चैंग-ई-4 से करीब 6 गुना कम था. इस तरह की बचत के लिए भारतीय रॉकेट को कम फ्यूल के साथ भेजा गया और उसे करीब 3 हफ्ते तक पृथ्वी के चक्कर लगाने पड़े.’

अमेरिकी पत्रिका वायर्ड  के ऑनलाइन वेबसाइट ने लिखा, 'भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक बड़ा झटका, लेकिन इस मिशन में सब खत्म नहीं हुआ है'


अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है, 'चांद पर लैंड करने की भारत की पहली कोशिश सही साबित नहीं हुई, जब देश की स्पेस एजेंसी ने चांद की सतह के पास पहुंचे लैंडर से संपर्क खो दिया.'

ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने अपने लेख में शीर्षक पर लिखा, 'भारत की चंद्रमा लैंडिंग में अंतिम क्षणों में संपर्क टूट गया. भारत वहां जा रहा है जहां शायद आने वाले 20 साल, 40 साल या 100 साल में इंसानों की भविष्य की बस्तियां होंगी.'

बीबीसी ने अपने आर्टिकल में लिखा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने देश के वैज्ञानिकों से कहा कि उन्हें इस मिशन पर गर्व है. चंद्रयान-2 के (लैंडर) 'विक्रम' के साथ आखिरी पलों में संपर्क टूट गया, जब यह चांद के दक्षिणी धुव्रीय क्षेत्र में उतरने वाला था. इसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है, लेकिन पीएम मोदी ने कहा कि आगे और मौके आएंगे.

इसे भी पढ़ें:ISRO ने कहा- 95 प्रतिशत सफल रहा Chandrayaan 2 Mission, क्या है इसकी वजह

चंद्रमा की ध्रुवीय सतह पर भारत की ऐतिहासिक लैंडिंग विफल हो गई है. CNN का शीर्षक था. CNN ने कहा कि बेंगलुरु स्थित नियंत्रण कक्ष में लोग हर छोटे कदम पर जश्न मना रहे थेस लेकिन शनिवार रात 1.55 पर सन्नाटा हो गया। वैज्ञानिकों के चेहरों से निराशा झलक रही थी.

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