इस मिशन में होगी चंद्रयान-2 की अहम भूमिका, इसरो ने बनाया प्लान

चंद्रयान-2 (chandrayaan 2) भले ही मंगल की सतह पर न उतर पाया हो लेकिन इसरो (ISRO) के लिए यह मिशन मील का पत्थर साबित होने वाला है. इसरो के अगले मिशन में चंद्रयान-2 की अहम भूमिका होगी.

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Kuldeep Singh
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इस मिशन में होगी चंद्रयान-2 की अहम भूमिका, इसरो ने बनाया प्लान

इस मिशन में होगी चंद्रयान-2 की अहम भूमिका, इसरो ने बनाया प्लान( Photo Credit : फाइल फोटो)

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चंद्रयान-2 (chandrayaan 2) भले ही मंगल की सतह पर न उतर पाया हो लेकिन इसरो (ISRO) के लिए यह मिशन मील का पत्थर साबित होने वाला है. इसरो के अगले मिशन में चंद्रयान-2 की अहम भूमिका होगी. इसरो चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी कर रहा है. इस मिशन में चंद्रयान-2 की अहम भूमिका होगा. इसरो वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं होगा और चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से ही लैंडर और रोवर को जोड़ दिया जाएगा. ऑर्बिटर से आंकड़े इसरो को प्राप्त होंगे. चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अभी भी चांद की परिक्रमा कर रहा है. इसरो इस साल के आखिर या अगले साल के शुरू में चंद्रयान-3 लांच करने की तैयाकी में है.

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चंद्रयान-2 के बाद इसरो ने अब चंद्रयान-3 की तैयारी कर ली है. इसके लिए चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का कार्यकाल बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. इसरो के चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर और लैंडर का काम अलग था. वैज्ञानिक ने बताया कि चंद्रयान-3 में सिर्फ लैंडर और रोवर होगा. लैंडर को सीधे चांद पर उतारा जाएगा. जबकि चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर और लैंडर अलग हुए थे और चांद पर उतरते समय लैंडर क्रैश हो गया. इसलिए चंद्रयान-3 की योजना में बदलाव किया गया है जिसका ऐलान कर चुका है.

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ऑर्बिटर को जोड़ना चुनौतीपूर्ण
इसरो के चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर और लैंडर का कार्य अलग-अलग था. इनमें पेलोड भी अलग-अलग थे. अब ऐसे में अगर लैंडर चांद की सतह पर उतर जाता तो उससे रोवर अलग होता और रोवर चांद पर चलकर आंकड़े एकत्र करता. ये आंकड़े ऑर्बिटर के जरिए इसरो के पास पहुंचने थे. चंद्रयान-3 में लैंडर और रोवर के पेलोड के आंकड़ों को धरती पर भेजने के लिए ऑर्बिटर की जरूरत होगी.

ऑर्बिटक का बढ़ेगा कार्यकाल
चंद्रयान-2 के लिए पिछले साल ऑर्बिटर लांच हुआ था. इसके लिए एक साल का कार्यकाल निर्धारित किया गया था. अब इसका कार्यकाल बढ़ाकर तीन साल करने की तैयारी है. ऑर्बिटर के कार्यकाल को तीन साल करने के बाद दी इसे चंद्रयान-3 में इसका इस्तेमाल हो पाएगा. अभी ऑर्बिटर के उपकरण सही कार्य कर रहे हैं व प्रोग्रामिंग में कुछ तब्दीलियां करके इसमें बदलाव किया जाएगा.

Source : News Nation Bureau

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