Advertisment

Chandrayaan-3: बस 10 दिन और काम करेगा चंद्रयान-3 का रोवर, प्रज्ञान को ज्यादा से ज्यादा घुमाने पर जोर

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान 23 अगस्त के बाद से ही लगातार चंद्रमा की सतह पर काम कर रहा है और अब इसके पास मात्र 10 दिनों का समय बचा है. ऐसे में वैज्ञानिक रोवर को सतह पर ज्यादा से ज्यादा घुमाने पर जोर दे रहे हैं.

author-image
Suhel Khan
एडिट
New Update
Chandrayaan 3

Chandrayaan 3( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

Chandrayaan-3: चंद्रमा की सतह पर घूम रहे चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर के पास अब बस 10 दिन का समय शेष बचा है. ऐसे में वैज्ञानिक रोवर को सतह पर ज्यादा से ज्यादा घुमाने पर जोर दे रहे हैं. जिससे चंद्रमा के ज्यादा से ज्यादा रहस्यों के बारे में पता लगाया जा सके. इस बीच अंतरिक्ष उपयोग केंद्र अहमदाबाद के निदेशक निलेश एम देसाई ने बताया कि चंद्रयान-3 अभियान के 3 हिस्से हैं जिसमें चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग, रोवर प्रज्ञान को लैंडर विक्रम से निकाल कर चंद्रमा की सतह पर चलाना. तीसरा और आखिरी काम मिशन में शामिल सात उपकरणों से ज्यादा से ज्यादा काम लेना.

ये भी पढ़ें: Weather Update Today: क्या दिल्ली-यूपी से विदा ले चुका मॉनसून? जानें अपने शहर में मौसम का हाल

फिलहाल इस मिशन के तीसरे हिस्से का काम जारी है. जिसके लिए अब सिर्फ दस दिनों का समय बचा है. जो इस मिशन का सबसे खास और जरूरी काम है. जिसके तहत उपकरणों से विभिन्न प्रयोग किए जा रहे हैं और विश्लेषण के साथ-साथ डाटा जुटाया जा रहा है. इसीलिए वैज्ञानिक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि रोवर को जितना हो सके चंद्रमा की सतह पर घुमाया जाए. जिससे ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किए जा सकें और बहुमूल्य डाटा जुटा जा सके.

14 दिन के लिए दक्षिण ध्रुव पर छा जाएगा अंधेरा

बता दें कि चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान सौर ऊर्जा से काम कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें हर हाल में सूरज की रोशन की जरूरत है. लेकिन 10 दिनों बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सूरज डूब जाएगा और अगले 14 दिनों तक यहां घनी और बर्फीली रात रहेगी. इस दौरान यान कई ज्यादातर उपकरण स्पीप मोड में चले जाएंगे. रात के वक्त वहां का तापमान माइनस 180 से माइनस 250 डिग्री तक गिर सकता है. जिसके चलते चंद्रयान-3 के ज्यादातर उपकरण काम नहीं कर पाएंगे. लेकिन अगर किस्मत ने साथ दिया तो 14 दिनों बाद जब दक्षिणी ध्रुव पर सूरज निकलेगा तो चंद्रयान-3 के उपकरण फिर से काम करना शुरु कर सकते हैं. लेकिन इसके बारे में सिर्फ अनुमान लगाया जा सकता है. निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता. अगर ये फिर से काम करेगा तो हमें दक्षिणी ध्रुव से और डेटा मिल सकता है.

ये भी पढ़ें: Indonesia Earthquake: सुबह-सुबह भूकंप के झटकों से दहल उठा इंडोनेशिया का बाली, इतनी थी तीव्रता

भूकंप की वजहों का होगा विश्लेषण

निलेश एम देसाई के मुताबिक, सभी उपकरणों व प्रयोगों का डाटा लैंडर के जरिये पृथ्वी पर भेजा जाएगा. इसके बाद इन प्रयोगों को दोहराया भी जाएगा. इस दौरान चास्टे उपकरण से जहां पहली बार इंसान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का तापमान मापा रहा है, तो वहीं इल्सा उपकरण मून-क्वेक यानी चंद्रमा के भूकंप को दर्ज कर रहा है. बता दें कि पृथ्वी की तरह ही चंद्रमा पर भूकंप आने के ऐसे कई रहस्य सुलझाने के लिए चंद्रयान-3 के उपकरण लगातार जानकारी भेज रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Petrol Diesel Prices Today: देश के इन राज्यों में बदल के ईंधन के दाम, चेक करें नए रेट

अमेरिका से नहीं मिल पा रही मदद

देसाई के मुताबिक, भारत को इस मिशन को अमेरिका की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला (JPL) के गोल्डस्टोन गहन अंतरिक्ष संपर्क स्टेशन की सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं. इस वजह से रोवर से संपर्क व मूवमेंट के दौरान शुरुआत में दृश्यता की कुछ समस्याएं पेश आईं. जिसके चलते रोवर को रोजाना 30 मीटर चलाने के बजाय मूवमेंट 12 मीटर ही हुआ.

HIGHLIGHTS

  • चंद्रमा की सतह पर 10 दिन और काम करेगा रोवर
  • 10 दिन बाद दक्षिण ध्रुव पर डूब जाएगा सूरज
  • अंधेरे में काम नहीं कर पाएगा प्रज्ञान रोवर

Source : News Nation Bureau

isro chandrayaan-3 Mission Moon Vikram Lander Mission Chandrayaan Pragyan rover Live
Advertisment
Advertisment
Advertisment