Chandrayaan 3 New Image: चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर अब चांद पर अंधेरे का सामना कर रहा है. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर रात हो चुकी है. इस समय विक्रम लैंडर किस परिस्थिति में है, इसका पता करने के लिए चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर को गुजारा गया है. ऑर्बिटर में लगे खास कैमरे की मदद रात के अंधेरे में चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीरें ली गई हैं. छह सितंबर 2023 को ली इन तस्वीरों में चांद की सतह नीले, हरे और गहरे काले रंग की दिखाई दे रही है. इसके बीच पीले गोले दिखाई दे रहे हैं. पीली रोशनी भी दिख रही है. ये है हमारा विक्रम लैंडर. अंधेरे पीले चमकते लैंडर की तस्वीर जारी हुई हैं.
Chandrayaan-3 Mission:
Here is an image of the Chandrayaan-3 Lander taken by the Dual-frequency Synthetic Aperture Radar (DFSAR) instrument onboard the Chandrayaan-2 Orbiter on September 6, 2023.More about the instrument: https://t.co/TrQU5V6NOq pic.twitter.com/ofMjCYQeso
— ISRO (@isro) September 9, 2023
बाएं ओर पहली वर्टिकल तस्वीर में पीले चौकोर डिब्बे में यह इलाका दिखाई दे रहा है. दाहिने ओर जो तस्वीर दिखाई दे रही है वह छह सितंबर की है. इसमें गोल पीले घेरे में चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर है. ये पीले रंग की रोशनी में दिखाई दे रहा है. अंधेरे में तस्वीर को लेने वाला ये खास यंत्र है, इसका नाम है DFSAR. ये रात के अंधेरे में हाई रेजोल्यूशन पोलैरीमेट्रिक मोड में तस्वीर ले सकता है. अंधेरे में धातुओं से निकलने वाली हीट और रोशनी को यह आसानी से पकड़ने में सक्षम है. यह कैमरा किसी भी प्राकृतिक तौर पर मौजूद धातु या इंसानों द्वारा धातुओं से तैयार कोई वस्तु को कैप्चर कर सकता है.
Chandrayaan-2 के ऑर्बिटर ने इससे पहले भी 25 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 की तस्वीरें ली थीं. यह भी दो तस्वीरों का जोड़ थीं. दूसरी तस्वीर में लैंडर चांद की सतह पर दिखाई दे रहा है. इस तस्वीर में लैंडर पास से दिखाने का प्रयास किया गया था. चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर हाई रेजोल्यूशन कैमरा (OHRC) में मौजूद है.
दोनों ही तस्वीरें चंद्रयान-3 के लैंडिंग वाले दिन ली गई. बाएं ओर पहली तस्वीर 23 अगस्त दोपहर दो बजकर 28 मिनट पर ली. इसमें चांद की सतह पर लैंडर नहीं दिखाई दिया. वहीं दूसरी तस्वीर 23 अगस्त की रात दस बजकर 17 मिनट पर ली गई. इसमें विक्रम चांद की सतह पर उतरा दिखा.
Source : News Nation Bureau