भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का मिशन चंद्रयान-3 ने पृथ्वी के चारों ओर अपनी परिक्रमा पूरी करते हुए मंगलवार को चंद्रमा के और करीब पहुंच चुका है. मिशन का लक्ष्य है कि चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग होनी चाहिए. आपको बता दें कि 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के वक्त यान सॉफ्ट लैंडिंग करने में विफल हो गया था. इसरो के अनुसार, अंतरिक्ष यान में प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है, जिसका उद्देश्य "अंतरग्रहीय मिशनों के लिए जरूरी नई तकनीकों का विकास करना है. प्रोपल्शन मॉड्यूल का उद्देश्य लैंडर मॉड्यूल को इंजेक्शन कक्षा से अलग करके ले जाना है.
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इसरो को अपने मिशन को लैंडर मॉड्यूल और रोवर को 100 किमी चंद्र कक्षा तक लेकर पहुंचना है. इसके बाद 3 से 6 माह की अवधि के लिए प्रायोगिक पेलोड का संचालन किया जाएगा.” प्रोपल्शन मॉड्यूल संचार बिंदु के रूप में कार्य करते हुए चंद्रमा की कक्षा में रहेगा.
विक्रम लैंडर की भूमिका
लैंडर और रोवर नाम बीते मिशन चंद्रयान-2 से समाने आए थे. लैंडर का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक रहे डॉ. विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया है. जिन्हें इंडियन स्पेस प्रोग्राम का जनक माना जाता है. रोवर समेत लैंडर का वजन करीब 1,749 किलोग्राम है. ये साइड-माउंटेड सौर पैनलों से घिरा हुआ है. ये 738 डब्ल्यू बिजली उत्पन्न कर सकता है. ये चांद के दक्षिणी ध्रुव की खोज में लगा रहेगा.
इसरो के अनुसार, विक्रम लैंडर में उद्देश्यों को पूरा करने के लिए तीन पेलोड शामिल हैं. रम्भा-एलपी- जो निकट सतह प्लाज्मा (आयनों और इलेक्ट्रॉनों) के घनत्व और समय के साथ इसके परिवर्तनों को मापेगा. चांद की सतह पर थर्मोफिजिकल प्रयोग - जो ध्रुवीय क्षेत्र के पास चंद्र सतह के तापीय गुणों को नापती है. आईएलएसए या चंद्र भूकंपीय गतिविधि को लेकर उपकरण' का उद्देश्य लैंडिंग स्थल के नजदीक भूकंप की परिस्थिति को मापना है.
प्रज्ञान रोवर का रोल
रोबोटिक वाहन का नाम 'प्रज्ञान' रखा गया है. इसका संस्कृत में अनुवाद करें तो 'ज्ञान' होता है. छह पहियों वाले वाहन में चंद्रमा की सतह से जुड़े डेटा प्रदान करने के लिए पेलोड के साथ लगा गए उपकरण हैं. यह वायुमंडल की मौलिक संरचना पर डेट को एकत्र करेंगे. इसका वजन 26 किलोग्राम है और लैंडर की तरह इसका मिशन चांद पर एक लूनर पर जीवन की खोज करना है. गौरतलब है कि 14 जुलाई को पृथ्वी से लॉन्च हुए चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरने की उम्मीद है.