Advertisment

Chandrayaan-3: चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, आखिरी ऑर्बिट में बनाई जगह

Chandrayaan-3: प्र​क्रिया का उद्देश्य प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल दोनों को चंद्रमा के चारों ओर करीब 100 किमी की गोलाकार कक्षा में स्थापित करना है

author-image
Mohit Saxena
एडिट
New Update
chandrayan

chandrayan 3( Photo Credit : social media )

Advertisment

Chandrayaan-3:  पूरी दुनिया की नजर भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) पर टिकी हुई है. आज का दिन चंद्रयान-3 के लिए खास है. एक बार फिर बुधवार को चंद्रयान-3 के ऑर्बिट को घटाया गया है. यह ऑर्बिट घटाने की आखिरी प्रक्रिया है.  इसरो ने ट्वीट किया, "आज की सफल फायरिंग, जो कि छोटी अवधि के लिए आवश्यक थी, ने चंद्रयान -3 को 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में स्थापित कर दिया है, जैसा कि इरादा था. इसके साथ, चंद्रमा की ओर जाने वाले युद्धाभ्यास पूरे हो गए हैं. यह प्रोपल्शन मॉड्यूल के रूप में तैयारी का समय है." और लैंडर मॉड्यूल अपनी अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हैं. प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की योजना 17 अगस्त,  2023 को बनाई गई है."

 

लैंडर एक ‘डीबूस्ट’ प्रक्रिया से गुजरने वाला है

इस अहम प्र​क्रिया का उद्देश्य प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल दोनों को चंद्रमा के चारों ओर करीब 100 किमी की गोलाकार कक्षा में स्थापित करना है. चंद्रयान-3 मिशन के अगले चरण में पहुंचने का ये प्रतीक है. इसमें लैंडर को प्रणोदन मॉड्यूल से अगल करना जुड़ा हुआ है. वहीं प्रणोदन मॉड्यूल चंद्रमा के चारों ओर अपनी कक्षा जारी रखेगा. लैंडर एक ‘डीबूस्ट’ प्रक्रिया से गुजरने वाला है. इसमे जटिल ब्रेकिंग युद्धाभ्यास की खास श्रृंखला शामिल की गई है. 

साफ्ट लैंडिंग के लिए लैंडर को धीरे-धीरे धीमा करने की तैयारी होगी. आपको बता दें ​कि इससे पहले यान की कक्षा सोमवार को घटाई गई थी. पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा चौथी बार बदली गई थी. इससे पहले छह और नौ अगस्त को कक्षा में बदलाव होगा. 

सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी

गौरतलब है कि 23 अगस्त को यान के लैंडर-रोवर की चंद्रमा की सतह पर  सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी. चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया गया. यह 5 अगस्त को सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया. इसके बाद, अंतरिक्ष यान के ऑर्बिट को 5, 6, 9 और 14 अगस्तर को चार बार घटाया जा चुका है. 

चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर लैंड करने के बाद भारत लैंडर उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा. अब तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही चंद्रमा की सतह पर लैंडर को उतारा है. इससे पहले भारत ने साल 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के तहत लैंडर को उतारने की कोशिश की थी. मगर अंतिम क्षणों में लैंडर से संपर्क टूट गया. उसकी लैंडिंग साफ्ट नहीं थी.

 

HIGHLIGHTS

  • प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की योजना 
  • 23 अगस्त को लैंडर-रोवर की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग
  • चंद्रयान-3 की कक्षा चौथी बार बदली गई थी
newsnation newsnationtv chandrayaan-3 chandrayaan mission-chandrayaan-3 chandrayaan 3 date Mission Chandrayaan
Advertisment
Advertisment
Advertisment