मिशन चंद्रयान-3 सफलता के करीब पहुंच चुका है. 23 अगस्त की शाम छह बजे उसकी साफ्ट लैंडिंग होगी. इस बीच चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चांद की कक्षा में चंद्रयान-3 का स्वागत किया है और दोनों के बीच संपर्क हुआ. इसरो के चंद्रयान-3 मिशन की सॉफ्ट लैंडिंग में अब मात्र 48 घंटे ही शेष रह गए हैं. भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की निगाहें इस मिशन पर गढ़ी हुई हैं. चंद्रयान-3 द्वारा सोमवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी गई. इसमें बताया गया कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल का वेलकम किया. दोनों के बीच अच्छा खासा संपर्क स्थापित हुआ. MOX (Mission Operations Complex) के पास अब लैंडर मॉड्यूल तक पहुंचने के लिए कई रास्ते हैं.
Chandrayaan-3 Mission:
‘Welcome, buddy!’
Ch-2 orbiter formally welcomed Ch-3 LM.Two-way communication between the two is established.
MOX has now more routes to reach the LM.
Update: Live telecast of Landing event begins at 17:20 Hrs. IST.#Chandrayaan_3 #Ch3
— ISRO (@isro) August 21, 2023
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में भारत ने अपना मिशन चंद्रयान-2 लॉन्च किया था. ये अंतिम तक सही रास्ते पर था, मगर सॉफ्ट लैंडिंग में गड़बड़ी सामने आई. चंद्रयान-2 साफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया और क्रैश हो गया. चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर बीते 4 साल से चांद के आसपास चक्कर लगा रहा है. ये अपना काम कर रहा है. अब चार साल के पश्चात जब विक्रम लैंडर दोबारा से चांद के नजदीक पहुंचा, तब चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर सक्रिय हो गया.
चंद्रयान-3 मिशन की सॉफ्ट लैंडिंग से जुड़ी खास बातें:
- ISRO ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए 23 अगस्त यानी बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट का वक्त तय किया गया है. इस दौरान अगर सबकुछ सही रहता है तो विक्रम लैंडर सही सलामत सतह पर लैंड कर जाएगा. इसके बाद प्रज्ञान रोवर अपना काम करेगा. वह चांद की सतह पर आ जाएगा.
- चांद पर सूर्योदय के साथ ही विक्रम लैंडर का काम आरंभ हो जाएगा. इसके बाद ही सॉफ्ट लैंडिंग हो सकेगी. 14 दिनों तक प्रज्ञान रोवर अपना काम करेगा. वह शोध कार्य करेगा.
- प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर दोनों आसपास ही होंगे. दोनों की गतिविधियां कैमरे में कैद होंगी. विक्रम लैंडर लगातार प्रज्ञान रोवर पर नजर रखेगा. वहीं प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर खोजबीन करेगा.
Source : News Nation Bureau