आज देश आजादी के जश्न में डूबा हुआ है. इस ऐतिहासिक पल के साथ ही देश को इंतजार है कि आखिर कब चंद्रयान चांद पर कदम रखेगा. आपको बता दें कि इसरो के मुताबिक, 23 अगस्त की शाम को चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर उतरेगा, यानी एक हफ्ते बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा पर इतिहास लिखेगा. ऐसे में इसरो के लिए यह सप्ताह काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है क्योंकि चंद्रयान चंद्रमा के बेहद करीब पहुंच चुका है. और इसरो कोई गलती नहीं करना चाहता. पिछली बार चंद्रयान की लैंडिंग सफल नहीं रही थी, इसलिए इस बार इसरो हर हलचल पर नजर रख रहा है.
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इसरो चीफ ने दिलाया यकीन
चंद्रयान-3 के लिए अहम समय 16 अगस्त से शुरू होगा क्योंकि इसी दिन से इसकी कक्षा धीरे-धीरे कम की जाएगी. लैंडिंग के समय कई मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक पहलू होते हैं, जिससे सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग हो सकेगी. चंद्रयान की लैंडिंग को लेकर हाल ही में चेयरमैन एस सोमनाथ ने दावा किया था कि इस बार चंद्रयान की लैंडिंग पक्की है. उन्होंने कहा कि हमने असफलता से सबक लिया है और इस बार पूरी तैयारी है. उनके मुताबिक अब सब कुछ हाथ में है इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है.
ऐसे होगी चंद्रयान की लैंडिंग
वही इसरो के बैठे वैज्ञानिक 23 अगस्त से पहले कई (Maneuver) को अंजाम देंगे, जिससे चंद्रमा पर सफल लैंडिंग में कोई दिक्कत नहीं आएगी. जब चंद्रयान चंद्रमा के करीब होगा तो इसरो में बैठे वैज्ञानिक यह प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके बाद विक्रम को लैंड कराया जाएगा. अगर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग हो जाती है तो उसके बाद धीरे-धीरे प्रज्ञान रोवर को चांद पर उतारा जाएगा. वही इसके लैंडिंग के संबंध में इसरो पूर्व चीफ ने कहा कि इस बार चंद्रयान लैंडिंग होना लगभग तय है. यानी देश 23 अगस्त को इतिहास रचने के लिए तैयार है.
Source : News Nation Bureau