उरी हमले ने भारत की पाकिस्तान नीति में बदलाव लाने का दबाव बना दिया है। भारत ने हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करने का फैसला लिया है। इस कोशिश के तहत सुषमा स्वारज संयुक्त राष्ट्र में भारत में हो रहे अंतकी हमलों में पाकिस्तान को बेनकाब करेंगी।
इस महीने की 26 तारीख को हो रही संयुक्त राष्ट्र की बैठक में पाकिस्तान को बेनकाब करने का भारत के सामने एक सुनहरा मौका है। इसके तहत पठानकोट और उरी में हुए आतंकी हमलों में उसके शामिल होने के सुबूत देगा।
अपने भाषण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र में उरी औऱ पठानकोट में हुए आतंकी हमलों में पाकिस्तान के शामिल होने के बारे में सुबूत देंगी।
सूत्रों का कहना है कि भारत न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र में इस मामले को उठाएगा बल्कि, इस दौरान कई देशों के विदेश मंत्रियों और राजनयिकों से मुलाकात कर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश की जाएगी। कश्मीर के अलावा भारत के दूसरे हिस्से में हो रही आतंकी घटनाओं में पाकिस्तान के शामिल होने की जानकारी दी जाएगी।
न्यूयॉर्क में हो रहे संयुक्त राष्ट्र में हिस्सा लेने के लिये कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष आ रहे हैं और ये एक ऐसा मौका है जब भारत इन नेताओं से बातचीत कर आतंकवाद पर चर्चा कर सकता है। जिस तरह से भारत ने मुंबई हमलों के बाद कूटनीतिक कोशिशों से पाकिस्तान को अलग-थलग किया था।
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस ज़ॉनसन से बात भी की। बोरिस ने हर तरह के आतंकवाद की निंदा की और भारत का साथ देने का भी वादा किया, उन्होंने कहा कि आतंकियों और उनका समर्थन करने वालों को सजा मिलनी चाहिये। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने उरी हमलों की कड़ी निंदा भी की थी। उनके अलावा कई देशों ने बयान जारी कर उरी हमले की निदा भी की है।
सूत्रों का कहना है कि फ्रांस में भारत के राजदूत मोहन कुमार ने फ्रांस के विदेश मंत्री से फोन पर बात की फ्रांस ने बयान जारी करके कहा है “कश्मीर में भारतीय सेना के कैंप पर हुए हमले का फ्रांस कड़े शब्दों में निंदा करता है। फ्रांस भारत के साथ है और सभी देशों से आतंक के खिलाफ खडे होने की अपील करता है। ”
Source : News Nation Bureau